नई दिल्ली। Guru Purnima 2024 : सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा के त्योहार का अधिक महत्व है। हर साल यह पर्व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे आषाढ़ पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह पर्व 21 जुलाई रविवार को है। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर स्नान-दान और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है।
स्नान मुहूर्त – सुबह 04.14 – सुबह 04.55
पूजा मुहूर्त – सुबह 07.19 – दोपहर 12.27
लक्ष्मी जी पूजा मुहूर्त – प्रात: 12.07 – प्रात: 12.48
चंद्रोदय समय – रात 07.38
Guru Purnima 2024 : गुरु पूर्णिमा पर विष्णु जी, वेद व्यास जी, अपने गुरु की पूजा करना, चने की दाल, पीली मिठाई या पीले वस्त्र दान करना, केसर तिलक लगाना, गीता का पाठ करना। लक्ष्मी नारायण मंदिर में नारियल अर्पित करना बहुत शुभ होता है। कहते हैं इससे करियर में उन्नति मिलती है, व्यक्ति हर काम में कामयाब होता है।
इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और इस दिन शास्त्रों में पवित्र नदियों में स्नान करने का विधान है। लेकिन अगर नदियों में स्नान नहीं कर पाएं, तो घर पर ही थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं। वहीं इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें और पूजा चौकी पर अपने गुरु का चित्र स्थापित कर लें। साथ ही तस्वीर पर माना अर्पण करें। वहीं गुरु व्यास के साथ-साथ शुक्रदेव और शंकराचार्य आदि गुरुओं का भी आवाहन करें और ”गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये” मंत्र का जाप करें। साथ ही अगर आपने कोई गुरु बनाएं तो उनके घर जाकर उनका पूजन कर आशीर्वाद लें। वहीं ऐसी भी मान्यता है कि इसी दिन वेद व्यास जी ने चारों वेदों की रचना की थी। इस दिन गुरु अपने शिष्यों को दीक्षा भी देते हैं।
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