Apara Ekadashi 2024 : नई दिल्ली। हिंदू पंचांग में साल की 24 एकादशियों को सभी तिथियों में श्रेष्ठ माना गया है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष के दिन आने वाली एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि अपरा एकादशी जाने-अनजाने किए गए पापों को धोने के साथ-साथ अपार धन और धान्य देती है। मान्यतानुसार इस दिन किया गया व्रत समस्त पापों से मुक्ति दिलाता है और जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार अपरा एकादशी का शुभारंभ 2 जून 2024 की सुबह 5 बजकर 4 मिनट पर होगा। इसका समापन 3 जून 2024 की रात 2 बजकर 41 मिनट पर है। उदया तिथि के अनुसार इस साल अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को रखा जाएगा।
अपरा एकादशी का व्रत शुभ फलों से भरा है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से पहले यानी दशमी के दिन शाम में सूर्यास्त के बाद से ही व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए। फिर एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद विष्णु जी की विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। इस दौरान पूजा में तुलसी पत्ता, श्रीखंड चंदन, गंगाजल एवं मौसमी फलों का प्रसाद भगवान को अर्पित करें। व्रत रखने वाले लोग पूरे दिन अन्न का सेवन न करें। यदि जरूरत पड़े, तो फलाहार ले सकते हैं। अपरा एकादशी की शाम को विष्णु जी की आराधना करें और विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। माना जाता है कि इस पाठ से विष्णु जी की विशेष कृपा बनी रहती है।
अपरा एकादशी का महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि झूठ, निन्दा, क्रोध, धोखा देने वालों को नर्क में स्थान मिलता है। इसके साथ ही अनजाने में किए गए पाप भी नरक का भागी बनाते हैं। ऐसे में अपरा एकादशी का व्रत करने वाले लोग अनजाने में किए गए पापों से मुक्त हो जाते हैं और स्वर्ग के भागी बनते हैं। मान्यता है कि अपरा एकादशी पर व्रत करने पर गाय, सोना और जमीन का दान करने का पुण्य प्राप्त होता है। जो लोग इस व्रत को करते हैं उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि, धन और धान्य से भरपूर घर-परिवार मिलता है।
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