नई दिल्ली: Chhath Puja 2024 सूर्य उपासना के महापर्व छठ का मंगलवार को नहाय खाय के साथ आगाज हो गया है। आज 06 नवंबर 2024 को खरना मनाया जाएगा। चार दिवसीय पर्व छठ में खरना का खास महत्व है। आज छठ पर्व का दूसरा दिन है। आज खरना के दिन सायंकाल में रोटी और गुड़ की खीर बनाई जाती है। शाम को रोटी और रसियाव भात के प्रसाद का छठी मैया को भोग लगाने के बाद परिजनों के साथ मिल बांटकर व्रती महिलाएं ग्रहण करती हैं। जिसके बाद निर्जला उपवास की शुरुआत होती है।
Chhath Puja 2024 रसियाव भात असल में छठी माता को चढ़ने वाला प्रसाद है जो कि खरना के दिन बनाया जाता है। ये गुड़ की खीर है जो कि चावल या फिर दरदरे गेहूं से बनती है। इस खीर को मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है और फिर केले के पत्ते पर भोग लगाया जाता है। भोग में रोटी बनाई जाती है जिसमें घी लगाया जाता है, फिर इस पर खीर रखकर, साथ में केला रखकर पानी से अर्पण किया जाता है और भगवान को भोग लगाया जाता है।
छठ पूजा का सनातन धर्म में बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इस पर्व पर व्रती भगवान सूर्य और छठी माता से प्रार्थना करते हैं। जिसके बाद उनका आशीर्वाद की कामना करते हैं। साथ ही लोग सूर्य के प्रति अपना सम्मान और आभार भी व्यक्त करते हैं, क्योंकि वे सभी जीवित प्राणियों को प्रकाश, सकारात्मकता और जीवन प्रदान करते हैं।
छठ पूजा पर भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा होती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सूर्य देव की कृपा मिलती है। साथ ही संतान से जुड़ी सभी समस्याएं दूर होती हैं। वेदों में सूर्य के कई संदर्भ हैं, जो प्राचीन संस्कृतियों में सूर्य के प्रति स्वास्थ्य और धन के देवता के रूप में श्रद्धा को दर्शाते हैं। त्योहार का समय फसल के मौसम के अनुरूप होता है, जो भरपूर पैदावार के लिए आभार व्यक्त करने का समय होता है।
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