Vaikuntha Ekadashi 2023: तिरुचिरापल्ली। तमिलनाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली जिले त्रिची शहर के श्रीरंगम रंगनाथ मंदिर में वैकुंठ एकादशी उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। बता दें कि वैकुंठ एकादशी की शुरुआत हो गई है। 22 दिवसीय वार्षिक ‘वैकुंठ एकादसी’ उत्सव मंगलवार रात को ‘थिरुनेदुनथंदगम’ के साथ श्रीरंगम श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में शुरू हो गया है। त्योहार को ‘पागल पाथु’ और ‘रा पाथु’ में विभाजित किया गया है। ‘पागल पाथु’ बुधवार से शुरू हो रहा है। त्योहार का मुख्य आकर्षण 23 दिसंबर को पवित्र एकादशी के दिन तड़के ‘परमपदवासल’ का उद्घाटन है।
जुलूस के देवता श्री नामपेरुमल को ‘रत्नांगी’ (रत्न-जड़ित कवच) पहनाकर उस दिन ‘परमपदवासल’ के माध्यम से ‘थिरुमामणि मंडपम’ तक एक पवित्र जुलूस में ले जाया जाएगा। ‘रा पाथु’ 23 दिसंबर से शुरू होता है। यह उत्सव 2 जनवरी को ‘नम्माझवार मोक्षम’ के साथ समाप्त होता है।
वैकुंठ एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, पूरी रात जागरण करते हैं और जप, हरि कीर्तन और ध्यान करते हैं। मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। वैकुंठ एकादशी व्रत इससे जुड़े लोगों का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इस दिन, वैकुंठ द्वारम या वैकुंठ वासल, ‘वैकुंठ के द्वार’ खुले रखे जाते हैं ऐसा माना जाता है
एकादशी तिथि आरंभ: 08:15 – 22 दिसंबर 2023
एकादशी तिथि समाप्त: 07:10 – 23 दिसंबर 2023
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Vaikuntha Ekadashi 2023: वैकुंठ एकादशी उत्सव का तिरूपति बालाजी मंदिर, श्रीरंगम श्री रंगनाथ मंदिर और भद्राचलम मंदिर में बहुत महत्व है, जो भक्त पूर्ण उपवास करने में सक्षम नहीं हैं, वे फल और दूध भी खा सकते हैं। किसी भी एकादशी पर चावल और अनाज खाना हर किसी के लिए वर्जित है।
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— IBC24 News (@IBC24News) December 14, 2023
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