Tulsi marriage on Devuthani Ekadashi, this time two special coincidences are happening

Tulsi Vivah Puja Vidhi: देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह.. इस बार बन रहे हैं दो खास संयोग, यहां जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह.. इस बार बन रहे हैं दो खास संयोग, Tulsi marriage on Devuthani Ekadashi.. this time two special coincidences are happening

Edited By :   Modified Date:  November 12, 2024 / 07:28 AM IST, Published Date : November 12, 2024/6:58 am IST

नई दिल्लीः Tulsi Vivah Puja Vidhi देशभर में आज देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन से सभी शुभ एवं मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। लोग व्रत रखते हैं। देवउठनी एकादशी की व्रत कथा सुनते हैं। पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ अवसर पर विष्णु भगवान चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और पुन: से सृष्टि की व्यवस्थाओं को संभालते हैं। इस दिन भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह भी किया जाता है।

Read More : नौकरीपेशा लोगों को मिलेगा प्रमोशन, 12 साल बाद गजलक्ष्मी राजयोग होगा निर्माण, जीवन में आएंगे कई बदलाव

तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त

Tulsi Vivah Puja Vidhi धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तो तुलसी विवाह का आयोजन द्वादशी तिथि में होना चाहिए। ऐसे में इस बार 12 नवंबर को शाम के समय द्वादशी तिथि लग जाएगी। इसलिए आप 12 और 13 नवंबर कभी भी तुलसी विवाह करा सकते हैं। 12 नवंबर मंगलवार शाम के समय द्वादशी तिथि 4 बजकर 6 मिनट पर आरंभ हो जाएगी। ऐसे में तुलसी विवाह आप शाम में इस समय के बाद कर सकते हैं। जबकि 13 नवंबर को द्वादशी तिथि दोपहर में 1 बजकर 2 मिनट तक ही रहेगी। ऐसे में जो लोग 13 नवंबर को तुलसी विवाह करना चाहते हैं उन्हें इस समय से पहले पहले तुलसी विवाह कराना होगा।

Read More : IAS Transfer News: प्रदेश में देर रात 26 आईएएस अधिकारियों के तबादले…. मुख्यमंत्री के दोनों प्रमुख सचिव भी हटाए गए, मिली ये बड़ी जिम्मेदारी 

बन रहे हैं अद्भुत संयोग

Tulsi Vivah Puja Vidhi इस साल तुलसी विवाह पर कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। तुलसी विवाह के दिन सुबह 7 बजकर 52 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है। ये योग अगले दिन 5। 40 मिनट तक रहेगा। इसके साथ साथ रवि योग भी लग रहा है जो मांगलिक कामकाज के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन हर्षण योग और वज्र योग भी लग रहा है। आपको बता दें कि इस दिन पूरे रीति रिवाज से तुलसी मां और शालिग्राम स्वरूप का विवाह करवाया जाता है। इस दिन तुलसी के पत्तों को पूजा में जरूर शामिल किया जाता है।

तुलसी विवाह पूजन सामग्री लिस्ट :

तुलसी विवाह के दिन पूजन के लिए तुलसी का पौधा,शालीग्राम भगवान,विष्णुजी की प्रतिमा या तस्वीर, पूजा की चौकी, लाल रंग का वस्त्र,कलश, केले का पत्ता, हल्दी की गांठ, चंदन, रोली, तिल,मौली,धूप,दीप, तुलसी माता के लिए श्रृंगार सामग्री(बिंदी, लाल चुनरी, सिंदूर, मेंहदी, बिछुआ, साड़ी इत्यादि),गन्ना, अनार, केला,सिघाड़ा, मूली, आंवला,आम का पत्ता, नारियल, अष्टदल कमल, शकरकंद, गंगाजल, सीताफल, अमरूद, कपूर,फल, फूल,बताशा, मिठाई इत्यादि चाहिए।

Read More : Today Weather Update: इन हिस्सों में जमकर बरसेंगे बादल, 15 नवंबर तक भारी बारिश की चेतावनी! मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

  • देवउठनी एकादशी के दिन जो लोग तुलसी विवाह करते हैं जिन्हें कन्यादान करना होता है उन्हें इस दिन व्रत जरूर करना चाहिए।
  • इसके बाद शालिग्राम की तरफ से पुरुष वर्ग और तुलसी माता की तरफ से महिलाओं को इकट्ठा होना होता है।
  • शाम के समय दोनों पक्ष तैयार होकर विवाह के लिए एकत्रित होते हैं।
  • तुलसी विवाह के लिए सबसे पहले अपने घर के आंगन में चौक सजाया जाता है। फिर रंगोली बनाई जाती है उसपर चौकी स्थापित की जाती है।
  • इसके बाद तुलसी के पौधे को बीच में रखें। तुलसी माता को अच्छी से तैयार करें। उन्हें लाल रंग की चुनरी, साड़ी या लहंगा पहनाएं चूड़ियां आदि से उनका श्रृंगार करें।
  • जहां तुलसी माता को विराजमान किया हैं वहां पर गन्ने से मंडप बनाएं।
  • इसके बाद अष्टदल कमल बनाकर चौकी पर शालिग्राम को स्थापित करके उनका श्रृंगार करें।
  • फिर कलश की स्थापना करें। सबसे पहले कलश में पानी भर लें उसमें कुछ बूंद गंगाजल की मिलाएं। फिर आम को 5 पत्ते रखें और उसके ऊपर नारियल को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर कलश पर स्थापित करें।
  • फिर एक चौकी पर शालिग्राम रकें। शालिग्राम को तुलसी के दाएं तरफ रखना है।
  • फिर घी का दीपक जलाएं और ओम श्री तुलस्यै नम: मंत्र का जप करें। शालिग्राम और माता तुलसी पर गंगाजल का छिड़काव करें
  • इसके बाद शालिग्राम जी पर दूध और चंदन मिलाकर तिलक करें और माता तुलसी को रोली का तिलक करें।
  • इसके बाद पूजन सामग्री जैसे फूल आदि सब शालिग्राम और तुलसी माता को अर्पित करें।
  • इसके बाद पुरुष शालिग्राम जी को अपनी गोद में उठा लें और महिला माता तुलसी को उठा लें। फिर तुलसी की 7 बार परिक्रमा कराएं
  • इस दौरान बाकी सभी लोग मंगल गीत गाए और कुछ लोग विवाह के विशेष मंत्रों का उच्चारण करें। मंत्रों के उच्चारण में कोई गलती नहीं होनी चाहिए।
  • अंत में दोनों को खीर पूड़ी का भोग लगाएं। अंत में माता तुलसी और भगवान शालिग्राम की आरती उतारें। फिर अंत में सभी लोगों को प्रसाद वितरित करें।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp