Sawan Shivratri 2024: जुलाई महीने में ही सावन की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में इसका काफी महत्व है। यह पूरा माह ही भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है। श्रावण मास में ही पड़ने वाली शिवरात्रि का भी खास महत्व होता है। वहीं आज श्रद्धालु सावन मास की चतुर्दशी तिथि पर ही सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।
वहीं सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत आज 2 अगस्त दोपहर 3.27 बजे से शुरू होगी और इसका समापन 3 अगस्त दोपहर में 3.51 बजे पर होगा। शिवरात्रि में शाम के वक्त पूजन का विशेष महत्व है। वैसे आज के दिन सावन शिवरात्रि का भक्तों ने व्रत रखा है। इस अवसर पर सुबह से ही भक्त मंदिरों में लाइन लगा कर भगवान शिव जी की पूजा अर्चना कर रहे हैं।
#WATCJ मुंबई: सावन शिवरात्रि के अवसर पर भक्तों ने बाबुलनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/UFKqn4WpkW
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#WATCH उज्जैन (मध्य प्रदेश): ‘सावन शिवरात्रि’ के अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजा की गई। इस दौरान दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। pic.twitter.com/8UQfMeAwRC
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#WATCH अयोध्या (यूपी): ‘सावन शिवरात्रि’ के अवसर पर भक्त सरयू नदी में स्नान करते दिखे। pic.twitter.com/rpr5OhEc88
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#WATCH मुरादाबाद (यूपी): भक्तों ने ‘सावन शिवरात्रि’ के अवसर पर मंदिर में पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/10Rd0UC0Iv
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#WATCH रांची, झारखंड: सावन शिवरात्रि के अवसर पर भक्तों ने रांची के पहाड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/sUsHNbCj7u
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Sawan Shivratri 2024: वैसे बता दें कि सावन के महीने में श्रद्धालु कावड़ लेकर शिवालय जाते हैं। दूर-दूर से जल भरकर शिवभक्त जलाभिषेक करने पैदल जाते हैं। इस यात्रा का विशेष महत्व है। बड़ी संख्या में भक्त कांवड़ लेकर निकलते हैं और शिवरात्रि के दिन अपने स्थान वापस आकर जलाभिषेक भी करते हैं।
– मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें।
– इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी करनी चाहिए।
– शिव जी के समक्ष पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें।
– यदि घर पर शिवलिंग है तो दूध, और गंगाजल आदि से अभिषेक करें।
– शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें।
– पूजा करते समय नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें।
– अंत में भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें।
– दिनभर उपवास रखें। शाम में आरती-अर्चना कर फलाहार करें।
– अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।
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