Saphala Ekadashi 2024

Saphala Ekadashi 2024: साल की आखिरी एकादशी आज, जानिए क्या है भगवान विष्णु की पूजा की सही विधि और कथा

Saphala Ekadashi 2024: साल की आखिरी एकादशी आज, जानिए क्या है भगवान विष्णु की पूजा की सही विधि और कथा

Edited By :  
Modified Date: December 26, 2024 / 03:39 PM IST
,
Published Date: December 26, 2024 3:39 pm IST

Saphala Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में साल के 12 महीने में कई तरह के व्रत, त्योहार आते हैं। जिसे बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इन सबका अपना-अलग महत्व भी होता है। वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथि होती हैं। ऐसे में आज यानी 26 दिसबंर को साल की आखिरी एकादशी सफला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। सफला एकादशी का व्रत हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इसे पौष कृष्ण एकादशी भी कहते हैं।

Read More: Satchidananda Maharaj: ‘हिंदू लिखकर आरक्षण का लाभ ले रहे लोग’, धर्मांतरण को लेकर कथावाचक सच्चिदानंद महाराज का बड़ा बयान

सही तिथि

कहा जाता है कि इस शुभ दिन व्रत रखने से घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। इस साल सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर को रखा जाएगा। इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर बुधवार को रात 10 बजकर 29 मिनट से शुरू हो गया है। इस तिथि का समापन 26 दिसंबर को देर रात 12 बजकर 43 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर इस साल की अंतिम एकादशी यानी सफला एकादशी 26 दिसंबर गुरुवार को होगी।

सफला एकादशी की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, राजा महिष्मान के 4 पुत्र थे। उनमें से एक पुत्र बेटा दुष्ट और पापी था। साथ ही बुरे काम करता था, जिसकी वजह से उसे राजा ने नगर से निकाल दिया। इसके बाद वह जंगल में रहकर मांस का सेवन करता था। वह एकादशी के दिन जंगल में संत की कुटिया पर पहुंच गया, तो उसे संत ने अपना शिष्य बना लिया, जिसके बाद उसके चरित्र में बदलाव आया। संत के कहने पर उसने एकादशी व्रत किया और फिर संत ने लुम्पक के पिता महिष्मान का वास्तविक रूप धारण किया। इसके बाद लुम्पक पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर सफला एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करने लगा।

Read More: Raipur Mowa over bridge closed: रायपुर वासियों के लिए बड़ी खबर, इतने दिनों तक बंद रहेगा मोवा ​ओवर ब्रिज, जानें क्या है कारण 

लगाए इन चीजों का भोग

सफला एकादशी के दिन पूजा में भगवान विष्णु को धनिया की पंजीरी और पंचामृत भोग जरूर लगाना चाहिए। यह भोग भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को भी बहुत प्रिय है। यह मान्यता है कि ऐसा करने से जगत के पालनहार प्रसन्न होते हैं।

पूजा विधि

Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी के दिन सुबह उठकर तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और उन्हें फूल, माला और मिठाई आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद उनके समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं, फिर तुलसी कवच का पाठ करें और आरती से पूजा को समाप्त करें।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp