Shukra Pradosh Vrat 2022 : पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। आज के दिन शुक्रवार पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा। भगवान शिव को समर्पित इस व3त को करने से व्यक्ति को हर दुख दर्द से छुटकारा मिल जाता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानिए शुक्र प्रदोष व्रत की मुहूर्त, पूजा विधि।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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शुक्र प्रदोष व्रत 2022 मुहूर्त – Shukra Pradosh Vrat 2022
आश्विन शुक्ल त्रयोदशी तिथि का समापन:08 सितंबर सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर
शुक्र प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त: शाम 06 बजे से लेकर रात 08 बजकर 28 मिनट तक
रवि योग:शाम 06 बजकर 17 मिनट से अगले दिन 8 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 18 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 33 मिनट से 12 बजकर 19 मिनट तक
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प्रदोष व्रत का महत्व
Shukra Pradosh Vrat 2022 : स्कंद पुराण में प्रदोष व्रत के विभिन्न लाभों के बारे में विस्तार से बताया गया है। माना जाता है कि जो कोई भी व्यक्ति प्रदोष व्रत को भक्ति और विश्वास के साथ करता है तो उससे भगवान शिव और मां पार्वती अति प्रसन्न होते हैं उसे संतोष, धन और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ ही आपके सभी पापों हो जाते हैं।
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शुक्र प्रदोष व्रत पूजा विधि – Shukra Pradosh Vrat 2022
- आज स्नान आदि करने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
- अगर आप व्रत रख रहे हैं तो भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- भगवान शिव का जलाभिषेक करें। आप चाहे तो पंच तत्व (दूध, पानी, दही, शहद, गंगाजल) से भी अभिषेक कर सकते हैं।
- अब भोलेनाथ को फूल और माला, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाएं।
- इसके बाद भगवान शिव को भोग लगाएं।
- फिर दीपक और धूप जलाकर शिव चालीसा, शिव मंत्र, प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें।
- आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
- दिनभर व्रत रहने के बाद शाम को व्रत खोल लें।