नई दिल्लीः देशभर में आज देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन से सभी शुभ एवं मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। लोग व्रत रखते हैं। देवउठनी एकादशी की व्रत कथा सुनते हैं। पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ अवसर पर विष्णु भगवान चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और पुन: से सृष्टि की व्यवस्थाओं को संभालते हैं। इस दिन भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह भी किया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तो तुलसी विवाह का आयोजन द्वादशी तिथि में होना चाहिए। ऐसे में इस बार 12 नवंबर को शाम के समय द्वादशी तिथि लग जाएगी। इसलिए आप 12 और 13 नवंबर कभी भी तुलसी विवाह करा सकते हैं। 12 नवंबर मंगलवार शाम के समय द्वादशी तिथि 4 बजकर 6 मिनट पर आरंभ हो जाएगी। ऐसे में तुलसी विवाह आप शाम में इस समय के बाद कर सकते हैं। जबकि 13 नवंबर को द्वादशी तिथि दोपहर में 1 बजकर 2 मिनट तक ही रहेगी। ऐसे में जो लोग 13 नवंबर को तुलसी विवाह करना चाहते हैं उन्हें इस समय से पहले पहले तुलसी विवाह कराना होगा।
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इस साल तुलसी विवाह पर कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। तुलसी विवाह के दिन सुबह 7 बजकर 52 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है। ये योग अगले दिन 5. 40 मिनट तक रहेगा। इसके साथ साथ रवि योग भी लग रहा है जो मांगलिक कामकाज के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन हर्षण योग और वज्र योग भी लग रहा है। आपको बता दें कि इस दिन पूरे रीति रिवाज से तुलसी मां और शालिग्राम स्वरूप का विवाह करवाया जाता है। इस दिन तुलसी के पत्तों को पूजा में जरूर शामिल किया जाता है।
1. तुलसी विवाह के दिन वस्त्र, अन्न व आभूषण का दान करना शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को तरक्की प्राप्त होती है। जीवन में आर्थिक संपन्नता आती है।
2. हिंदू धर्म में कन्या दान सबसे बड़ा दान माना गया है। इसलिए इस दिन तुलसी माता को अपनी बेटी मानकर विधि-विधान के साथ उनका कन्या दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
3. तुलसी विवाह पर संभव हो तो एकादशी का व्रत भी करें। इस दिन धान, मक्का, गेहूं, उड़द, बाजरा व चावल आदि का दान अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति व खुशहाली का आगमन होता है।
4. तुलसी विवाह के दिन गुड़ का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
5. तुलसी विवाह पर सिघाड़ा, शकरकंदी व मौसमी फलों का दान अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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