Ashada month to get Moksha हिंदू धर्म में हर दिन, तिथि और माह किसी न किसी देवता की पूजा को समर्पित होता है। ज्येष्ठ माह के बाद आषाढ़ माह की शुरुआत हो चुकी है। ये हिंदू कैलेंजर के मुताबिक साल का चौथा महीना होता है। यह महीन कई मायनों में खास होता है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
Ashada month to get Moksha आषाढ़ महीने की बारिश यह तय करती है कि हमारे खेतों में फसल कैसी होगी। अगर अच्छी मात्रा में बारिश हुई तो यह खेती के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होती है। इस माह में इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ किया जाता है। साथ ही, सूर्य देव की अराधना के लिए भी ये माह बेहद खास है। आषाढ़ माह में सुख शांति और समृद्धि के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी कुछ आवश्यक कार्य बताए गए हैं।
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– आषाढ़ माह में भगवान सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल, अक्षत, फूल और रोली डालकर अर्घ्य अर्पित करने की परंपरा सदियों पुरानी है। और शास्त्रों में भी इसका उल्लेख मिलता है। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
– मान्यता है कि आषाढ़ माह में अच्छी वर्षा और अच्छी फसल के लिए मंत्रों का जाप किया जाता है। इस माह में ऊं नमो भगवते वासुदेवाय, ऊं नमः शिवाय आदि मंत्रों का जाप करने का विधान है। और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
– इस माह में गर्मी तेज होने के कारण लोगों को धन और अनाज की कमी से गुजरना पड़ता है। ऐसे में इस माह में धन, अनाज और छाता आदि चीजें दान करने की परंपरा बताई गई है। ऐसा करने से लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
– इस माह में लोग तीर्थ यात्रा पर जाते हैं। ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और लोगों का कल्याण करते हैं।
– इस माह में आने वाली पूर्णिमा का भी विशेष महत्व है। इस माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन अपने गुरुओं का आशीर्वाद लेने की परंपरा है। ऐसा करने से व्यक्ति को कारोबार में सफलता हासिल होती है। इससे धन, यश और वैभव का लाभ मिलता है।
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