नई दिल्ली । नीच भंग राजयोग वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक प्रबल राजयोग है जो व्यक्ति को सक्षम और समर्थ बनाता है तथा अपने कर्मों के द्वारा व्यक्ति जीवन में सभी प्रकार की चुनौतियों को पीछे छोड़कर जीवन में सफलता के मार्ग पर अग्रसर होता है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि नीच भंग राजयोग के लिए कुंडली में किसी ग्रह का नीच होना पहली अनिवार्य शर्त है।
ये बहुत प्रभावशाली राजयोग माना गया हैं, जब किसी कुंडली में 6, 8 और 12वें घर के स्वामी इसी भाव में स्थित हों तो यह राजयोग बनता है । ऐसा व्यक्ति राजनीति और प्रशासन के उच्च पद को सुशोभित करता है । जिस ग्रह से नीचभंग राजयोग बनता है, उसी ग्रह के फील्ड में व्यक्ति राज करता है । अगर यह स्थिति सूर्य से बनती है तो ऐसे व्यक्ति की लोकप्रियता बहुत अधिक होती है । बहुत साधारण परिवार में जन्म लेने वाला बच्चा भी इस योग के कारण विश्वस्तर का प्रख्यात व्यक्ति बन सकता है ।
Read More: कॉलेज परिसर में शहीद वीर गुंडाधुर की मूर्ति, सीएम भूपेश ने किया अनावरण
किसी की कुंडली में राजयोग का निर्माण होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि किसी भी कुंडली में राजयोग जितने अधिक संख्या में विराजमान होते हैं अथवा ज्यादा मजबूत होते हैं तो वह व्यक्ति के जीवन स्तर को उतना ही उत्तम बना देते हैं और उसे जीवन में यश, महान सफलता, कीर्ति, लक्ष्मी सभी कुछ प्रदान करते हैं। यदि हम नीच भंग राजयोग के फलों की बात करें तो इस योग में जन्म लेने से आपको अनेक प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है और आप जीवन में कुछ समस्याओं के उपरांत प्रगति अवश्य करते हैं।
आप किसी राजा के समान सुखों का भोग करते हैं और आपको अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। नीच भंग राज योग के कारण आपके जीवन में धीरे धीरे सफलता आनी शुरू हो जाती है और आप काफी मजबूत स्थिति में खड़े होते हैं। यदि जन्म कुंडली में उचित समय पर नीच भंग राज योग निर्मित करने वाले ग्रह की महादशा अथवा अंतर्दशा आती है तो वह व्यक्ति को परिणाम देने में देर नहीं लगाती और व्यक्ति जीवन में सभी सफलताओं को प्राप्त करता है।