Aja Ekadashi/bhadrapad maas

Aja Ekadashi 2023: भाद्रपद मास की अजा एकादशी आज, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इसका विशेष महत्व

Aja Ekadashi/bhadrapad maas भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी व्रत रखा जाएगा। व्रत का विशेष महत्व है।

Edited By :   Modified Date:  September 10, 2023 / 09:03 AM IST, Published Date : September 10, 2023/9:03 am IST

Aja Ekadashi/bhadrapad maas : भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह व्रत 10 सितंबर 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को व्रत का विशेष महत्व है।

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भगवान विष्णु कि पूजा का है विधानव्रत से वेदों का ज्ञान और यग्य के अनुष्ठान का पूण्य मिलता है, मोक्ष कि प्राप्ति होती है, चन्द्र के विपरीत प्रभाव से मुक्ति मिलती है, मानसिक और शारीरिक स्थिति बेहतर होती है, सुख-समृद्धि और धन-धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता यह भी है कि एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

अजा एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 09 सितंबर शाम 07 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और 10 सितंबर रात्रि 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं इस दिन पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। बता दें कि पुनर्वसु नक्षत्र शाम 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा और इसके बाद पुष्य नक्षत्र शुरू हो जाएगा। वहीं इस दिन रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। जो शाम 05 बजकर 06 मिनट से 11 सितंबर सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।

अजा एकादशी पूजा विधि

-अजा एकादशी एक ऐसा त्योहार है जिसमें व्रत नियम और अनुष्ठान के साथ रखा जाता है।
-एकादशी के दिन सुबह सूर्याेदय से पहले स्नान कर लें।
-पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
-पूरी श्रद्धा से व्रत करने का संकल्प लें।
-कुछ पूजा सामग्री जैसे फूल, ष् नारियल, सुपारी, फल, लोंग, अगरबत्ती, घी, पंचामृत भोग, तेल का दीपक तुलसी, दाल, चंदन आदि रखना जरूरी है।
-फिर भगवान विष्णु की पूजा करें और भोग लगाएं। सुबह-शाम आरती करें।
-अजा एकादशी अत्यंत फलदायी मानी गई है इसलिए इसकी व्रत कथा पढ़ें।
-कुछ भक्त पूरी रात जागते हैं और भगवान को समर्पित भक्ति गीत, भजन और कीर्तन गाते हैं।
-द्वादशी के दिन सुबह गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराए और दक्षिणा दें।
-इसके बाद फल कहकर व्रत का पारण करें।

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क्या है जया एकादशी का महत्व?

Aja Ekadashi/bhadrapad maas : एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने से सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट समाप्त हो जाते हैं। साथ ही अगर आप कर्ज में डूबे हैं ओर आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो इस एकादशी का व्रत करने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है। एकादशी का व्रत रखने से तन मन और धन तीनों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

 

 

 

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