इस पहाड़ी पर स्थित शिवलिंग का लगातार बढ़ रहा आकार, अपरंपार है सिद्ध बाबा की महिमा | The size of Shivling located on this hill is constantly increasing Siddha Baba is infinite glory

इस पहाड़ी पर स्थित शिवलिंग का लगातार बढ़ रहा आकार, अपरंपार है सिद्ध बाबा की महिमा

इस पहाड़ी पर स्थित शिवलिंग का लगातार बढ़ रहा आकार, अपरंपार है सिद्ध बाबा की महिमा

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 PM IST
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Published Date: May 30, 2020 9:31 am IST

धर्म। अंग्रेजी शासन काल में बेलगहना की पहाड़ी की महत्ता किसी को भी नहीं पता थी..लेकिन वक्त गुजरा और धीरे-धीरे करके पहाड़ी पर मौजूद शिवलिंग के बारे में हर किसी को पता चला..लोग जब पहाड़ी के ऊपर चढ़ें तो उन्हें आध्यात्म और शांति के कई प्रतीक चिन्ह मिले।

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बिलासपुर कटनी रेललाइन निर्माण के समय घनघोर जंगल के बीच स्थित पहाड़ी वैसे तो अंग्रेजी हुकूमत के दौर में एक सामान्य पहाड़ी थी, लेकिन बदलते वक्त के साथ इस स्थान की प्रसिद्धि बढ़ती चली गई। लोगों को पहाड़ी के आसपास किसी अदृश्य अलौकिक शक्ति का एहसास हुआ और पहाड़ी में भगवान भोलेनाथ भगवान के सिद्धबाबा स्वरूप के दर्शन मिले। जंगलों के बीच भगवान का यह स्वरूप न केवल अपने आकार बढ़ने के कारण चमत्कारिक हुआ,बल्कि इसके बाद यहां संतों की मौजूदगी ने सिद्धबाबा की पहाड़ी को और ख्याति दी, आध्यात्म और भक्ति के संयुक्त रूप में पहचान बनाने वाली इस पहाड़ी में और भी मूर्तियां मिली और स्थापित की गयी जिनमें आज पूरी पहाड़ी अलग-अलग मंदिरों और भगवान की मौजूदगी बताती है। यहां अलग-अलग भगवान में आस्था रखने वाले वाले लोग अपनी श्रद्धा से पूजा अर्चना करते हैं। सिद्धबाबा की महिमा सिर्फ इसी पहाड़ी तक नहीं सिमटी रही बल्कि सोनमुड़ा सहित भारत के 50 अन्य स्थानों पर भी विख्यात है।

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करीब सौ साल से सिद्धबाबा की महिमा से बिलासपुर जिले के ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ बिहार और बंगाल से लोग यहां पहुंचते है। सिद्धबाबा को सबसे पहले जिस रूप में देखा गया वो करीब डेढ़ फुट के आकार के थे..पर अब यह करीब चार फुट के आकार के हो गये हैं। इस वजह से भी लोगों में विश्वास जागृत होता है कि यहां बाबा पाषाण प्रतिमा के रूप में ही नही बल्कि सजीव होकर मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।

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ईश्वर की लीला भूमि के रूप मे प्रसिद्ध बेलगहना की सिद्धबाबा पहाड़ी में शिव के दर्शन के लिए 596 सीढ़ियों की चढ़ाई चढ़नी होती है। यहां आने वाले हर भक्त की अंतरात्मा ने उसे दिव्य स्थान पर पहुंचाया है। इस स्थान के कण-कण में शिव है..पग पग में शिव हैं। इस स्थान पर आने वाले भक्तों के मन में ऐसी आस्था है, जिसके बूते वो अपने आराध्य के पास दौड़े चले आते हैं। बाबा की छोटी सी सिंदूरी प्रतिमा अब विषालकाय रूप लिये हुये है और त्रिभुज आकार के बाबा की महिमा भी कद से कई गुना ज्यादा बढ़ रही है। पहाड़ी की पहली सीढ़ी पर पग रखते ही भक्त पवित्र हो जाते है और सच्चे मन से बाबा का दर्षन कर मन्नतों के नारियल समर्पित करते हैं। बाबा के चमत्कारों की लंबी श्रृंखला है और बाबा के आशीर्वाद से लोग लगातार उपकृत हो रहे हैं।

 
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