Kartik Purnima 2023

Kartik Purnima 2023: हर माह की पूर्णिमा से खास होती है कार्तिक मास की पूर्णिमा, जानें इसका महत्व

Kartik Purnima 2023 कार्तिक पूर्णिमा आज, जानिए महत्व, पूजा विधि और शुभ तिथि, आज के दिन ये काम करने से मिलता है लाभ

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Modified Date: November 27, 2023 / 01:07 PM IST
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Published Date: November 27, 2023 1:07 pm IST

Kartik Purnima 2023: सनातन धर्म में हर महीने पूर्णिमा का महत्व होता है। लेकिन कार्तिक मास की पूर्णिमा खास होती है। कार्तिक पूर्णिमा का शैव और वैष्णव दोनों ही सम्प्रदायों में बराबर महत्व है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था। इसी दिन गुरुनानक देव का जन्म भी हुआ था, इसलिए सिख समुदाय के लोग इसे प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व है।

Kartik Purnima 2023: भगवान विष्णु की उपासना करने के लिए कार्तिक मास को उत्तम बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से बड़े-बड़े यज्ञों को करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा की तिथि का आरंभ 26 नवंबर, रविवार को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 27 नवंबर, शुक्रवार को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस साल कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को मनाई जाएगी।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

Kartik Purnima 2023: कार्तिक माह की पूर्णिमा को लेकर स्वयं नारायण ने भी कहा है कि माहों में, मैं कार्तिक माह हूं। शास्त्रों में उल्लेख है कि स्वयं विष्णुजी ने ब्रह्माजी को, ब्रह्मा जी ने नारद मुनि को और नारदजी ने महाराज पृथु को कार्तिक मास का महात्म्य बताया। इस माह की त्रयोदशी,चतुर्दशी और पूर्णिमा को पुराणों ने अति पुष्करिणी कहा है। स्कन्द पुराण के अनुसार जो प्राणी कार्तिक मास में प्रतिदिन स्नान करता है वह यदि केवल इन तीन तिथियों में सूर्योदय से पूर्व स्नान करे तो भी पूर्ण फल का भागी हो जाता है। शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का बहुत महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष गंगा स्नान करने का फल मिलता है। इस दिन गंगा सहित पवित्र नदियों एवं तीर्थों में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है,पापों का नाश होता हैं। कार्तिक पूर्णिमा हमें देवों की उस दीपावली में शामिल होने का अवसर देती है जिसके प्रकाश से प्राणी के भीतर छिपी तामसिक वृतियों का नाश होता है।

पूजाविधि

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा में स्नान करें। गंगा स्नान संभव नहीं है तो घर में ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं। स्नान के बाद मंदिर में दीपक जलाएं। भगवान विष्णु एवं माँ लक्ष्मी का स्मरण करें। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। भगवान विष्णु को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि अर्पित करें और भगवान विष्णु को भोग लगाएं। ध्यान रखें कि भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल अवश्य डालें। इस दिन भगवान शिव की आराधना भी करें। शिवलिंग पर जल अर्पित करें।

Kartik Purnima 2023: नारद पुराण के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर सम्पूर्ण सदगुणों की प्राप्ति एवं शत्रुओं पर विजय पाने के लिए कार्तिकेय जी के दर्शन करने का विधान है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन आसमान के नीचे सांयकाल घरों,मंदिरों,पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीप प्रज्वलित करने चाहिए,गंगा आदि पवित्र नदियों में दीप दान करना चाहिए। रात के समय चंद्रमा की पूजा करें। चंद्रमा को अर्घ्य दें और चंद्रमा के मंत्रों का जाप करें। इस दिन गाय को भोजन भी अवश्य कराएं। ऐसा करने से घर और परिवार पर सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।

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