देश के इस मंदिर में है 7वां तहखाना, जिसमें है 2 लाख करोड़ रु और.. SC ने इस शाही परिवार को दिया ये अधिकार | The 7th temple is in the richest temple in the country, which has 2 lakh crores more

देश के इस मंदिर में है 7वां तहखाना, जिसमें है 2 लाख करोड़ रु और.. SC ने इस शाही परिवार को दिया ये अधिकार

देश के इस मंदिर में है 7वां तहखाना, जिसमें है 2 लाख करोड़ रु और.. SC ने इस शाही परिवार को दिया ये अधिकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : July 13, 2020/9:35 am IST

नई दिल्ली। देश के सबसे अ​मीर मंदिर को चलाने को लेकर सालों से चल रही कानूनी लड़ाई आखिरकार खत्म हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने तमात दलीलों को सुनने के बाद 9 साल बाद अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केरल के तिरुअनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को चलाने का अधिकार त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दी है।

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उल्लेखनीय है कि भगवान पद्मनाभ (विष्णु) स्वामी के मंदिर का पुनर्निर्माण 18वीं सदी में त्रावणकोर के शाही परिवार ने कराया था। इसी राज परिवार ने 1947 तक भारतीय संघ में विलय से पहले दक्षिणी केरल और उससे लगे तमिलनाडु के कुछ भागों पर शासन किया था। आजादी के बाद भी मंदिर का संचालन और प्रबंधन शाही परिवार के नियंत्रण वाला ट्रस्ट ही करता आया था। त्रावणकोर परिवार के अधिष्ठाता कुलदेवता भगवान पद्मनाभ स्वामी ही हैं।

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लाखों करोड़ों का खजाना
भगवान पद्मनाभ मंदिर को देश का सबसे अमीर मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में 7वां तहखाना है जिसमें 700 बिलियन यूएस डॉलर्स यानी 52.59 लाख करोड़ का खजाना हो सकता है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के पास 200 ईसा पूर्व के 800 किलो सोने के सिक्के हैं। हर सिक्के की कीमत करीब 2.7 करोड़ रुपए है। यहां सोने का सिंहासन जिसपर रत्न और हीरे-पन्ने जड़े हैं। उसका भी रिकॉर्ड है।

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सुप्रीम कोर्ट में 9 साल तक था लंबित

बता दें कि लाखों करोड़ों रुपए के गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 9 साल तक सुनवाई हुई। पद्मनाभ मंदिर में वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर प्रबंधन और प्रशासन के बीच पिछले 9 सालों से कानूनी विवाद चल रहा था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब यह मामला शांत होता दिख रहा है। शाही परिवार के प्रबंधन में शामिल होने तक फिलहाल तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमेटी मंदिर की व्यवस्था देखेगी। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने जुलाई 2017 में सुनवाई के दौरान कहा था कि वह इन दावों का अध्ययन करेगा कि मंदिर के एक तहखाने में रहस्यमयी ऊर्जा वाला अपार खजाना है। जिसमें मूल्यवान वस्तुओं, आभूषणों का भी विस्तृत विवरण तैयार किया जाएगा। फिलहाल देश के सबसे अमीर मंदिर को चलाने का अधिकारी शाही परिवार को मिल गया ​है।

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