रायपुरः surya grahan 2023 kab hai भारत में इन दिनों त्योहारों का सीजन चल रहा है। रामनवमी के बाद अब पूरे देश में हनुमान जयंती का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन इस बीच एक ग्रहण भी आने वाला है। जी हां साल का पहला सूर्यग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा। शास्त्र के जानकारों चंद्रमा जब सूर्य और पृथ्वी के बीचों बीच आ जाता है तो इस खगोलीय घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं।
Read More: SP कार्यालय में युवक ने की आत्मदाह की कोशिश, पिछले पांच साल से इस बात से था परेशान
surya grahan 2023 kab hai जानकार बातते हैं कि चंद्रमा जब धरती से काफी दूर रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है, तो कंकणाकृति या वलयाकार सूर्य ग्रहण लगता है। इसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता है और धरती से देखने पर सूर्य का बाहरी हिस्सा किसी कंगन की तरह दिखता है। कंगन की तरह चमकने वाले इस सूर्य ग्रहण को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण कहते हैं। बताते चलें कि सूर्य ग्रहण सुबह 07रू04 बजे से शुरू होगा और दोपहर 12रू29 बजे तक रहेगा।
Read More: SI राजकुमार चाहर का दबंगई करते हुए वीडियो वायरल, शराब के नशे में युवक की कर दी पिटाई
जानकारों की माने तो यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण इसका कोई भी प्रभाव भारत में रहने वाले लोगों पर नहीं पड़ेगा। सूर्य ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल में पूजा-पाठ प्रतिबंधित होती है। इस अवधि में भगवान की मूर्तियों का स्पर्श नहीं करना चाहिए। लेकिन सूतक काल केवल तभी मान्य होता है, जब सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई दे। साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा अतः भारत में सूतक काल नहीं लगेगा।
Read More: अब आधार कार्ड से पैसों का लेनदेन संभव, जानें कैसे आधार के जरिए कर सकते है पैसे ट्रांसफर
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की।इस परिक्रमा के दौरान एक समय ऐसा आता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है। ऐसे में सूर्य की रोशनी चंद्रमा के कारण पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती। इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर पर ही दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद साल का पहला चंद्र ग्रहण पड़ेगा। यह ग्रहण 5 मई को लगेगा। बताया जा रहा है कि चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। उपछाया चंद्र ग्रहण सामान्यतः आंखों से दिखाई नहीं देता। उपछाया ग्रहण में भी सूतक काल मान्य नहीं होता। इस चंद्र ग्रहण के बाद साल में दो और ग्रहण पड़ेंगे। एक सूर्य ग्रहण होगा और एक चंद्र ग्रहण। दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा और साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा।
12 Names of Hanuman ji : मारुतिनंदन के 12 ऐसे…
12 hours agoKharmas 2024 : कल से लगने वाला है खरमास, एक…
14 hours agoShaniwar ke Upay: शनि की महादशा से बचाएंगे ये अचूक…
18 hours ago