Shiva Ashtottara Shatanama Stotram : अपने ध्यान को एकाग्रचित एवं मन को शांत रखने के लिए आवश्य पढ़े शिवा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम | Shiva Ashtottara Shatanama Stotram

Shiva Ashtottara Shatanama Stotram : अपने ध्यान को एकाग्रचित एवं मन को शांत रखने के लिए आवश्य पढ़े शिवा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम

Edited By :   Modified Date:  August 10, 2024 / 12:25 PM IST, Published Date : August 10, 2024/12:25 pm IST

Shiva Ashtottara Shatanama Stotram : शिवाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्, भगवान शिव के 108 नामों का स्तोत्र है. शिव पुराण के मुताबिक, भगवान विष्णु ने माता पार्वती को ये 108 नाम बताए थे । शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। ऐसा कहा जाता है कि स्तोत्र का लयबद्ध जाप मन को शांत करता है और ध्यान की स्थिति में प्रवेश करने में मदद करता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाने और रुद्राक्ष की माला से ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. भगवान शिव जी की पूजा का सर्वमान्य पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ है, जो प्रारंभ में ॐ के संयोग से षडाक्षर हो जाता है ऐसा कहा जाता है कि स्तोत्र का लयबद्ध जाप मन को शांत करता है और ध्यान की स्थिति में प्रवेश करने में मदद करता है।

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Shiva Ashtottara Shatanama Stotram : आईये अब पढ़ते हैं शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र 

शिवो महेश्वरः शम्भुः पिनाकी शशिशेखरः ।
वामदेवो विरूपाक्षः कपर्दी नीललोहितः ॥1॥
शङ्करः शूलपाणिश्च खट्वाङ्गी विष्णुवल्लभः ।
शिपिविष्टोऽम्बिकानाथः श्रीकण्ठो भक्तवत्सलः ॥2॥
भवः शर्वस्त्रिलोकेशः शितिकण्टः शिवाप्रियः ।
उग्रः कपाली कामारिरन्धकासुरसूदनः ॥3॥
गङ्गाधरो ललाटाक्षः कालकालः कृपानिधिः ।
भीमः परशुहस्तश्च मृगपाणिर्जटाधरः ॥4॥
कैलासवासी कवची कठोरस्त्रिपुरान्तकः ।
वृषाङ्की वृषभारूढो भस्मोद्धूलितविग्रहः ॥5॥

Shiva Ashtottara Shatanama Stotram

सामप्रियः स्वरमयस्त्रयीमूर्तिरनीश्वरः ।
सर्वज्ञः परमात्मा च सोमसूर्याग्निलोचनः ॥6॥
हविर्यज्ञमयः सोमः पञ्चवक्त्रः सदाशिवः ।
विश्वेश्वरो वीरभद्रो गणनाथः प्रजापतिः ॥7॥
हिरण्यरेता दुर्धर्षो गिरीशो गिरिशोऽनघः ।
भुजङ्गभूषणो भर्गो गिरिधन्वा गिरिप्रियः ॥8॥
कृत्तिवासाः पुरारातिर्भगवान् प्रमथाधिपः।
मृत्युञ्जयः सूक्ष्मतनुर्जगद्व्यापी जगद्गुरुः ॥9॥
व्योमकेशो महासेनजनकश्चारुविक्रमः।
रुद्रो भूतपतिः स्ताणुरहिर्बुध्न्यो दिगम्बरः ॥10॥

Shiva Ashtottara Shatanama Stotram

अष्टमूर्तिरनेकात्मा सात्विकः शुद्धविग्रहः।
शाश्वतः खण्डपरशूरजः पाशविमोचनः ॥11॥
मृडः पशुपतिर्देवो महादेवोऽव्ययो हरिः।
पूषदन्तभिदव्यग्रो दक्षाध्वरहरो हरः ॥12॥
भगनेत्रभिदव्यक्तः सहस्राक्षः सहस्रपात्।
अपवर्गप्रदोऽनन्तस्तारकः परमेश्वरः ॥13॥

इति श्रीशिवाष्टोत्तरशतनामावळिस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

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Shiva Ashtottara Shatanama Stotram : श्री शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र के लाभ

– भगवान शिव के 108 नामों का जाप करने से घर में सुख-समृद्धि आती है !
– इस स्तोत्र से अनेक जन्मों का दुःख मिट जाता है, जैसे- कालसर्प, पितृदोष, ग्रहदोष, वास्तुदोष, दरिद्र दोष, कानूनी उलझने, जादू-टोना, करा-धरा, सम्मोहन, उच्चाटन, मोहिनी, मारण, टोटका आदि का नाश होता है !
– इस स्तोत्र का पाठ करने वाले को श्री, प्रज्ञा, आरोग्य, आयुष्य, सौभाग्य, भाग्य, उन्नति विद्या, धर्म में मति और भगवान् शिव में भक्ति प्राप्त होती है !
– महाशिवरात्रि या शिवरात्रि पर शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है !
– माना जाता है कि भगवान के नाम के जाप से लंबे समय से बीमार व्यक्ति भी ठीक हो जाता है !
– भगवान के महेश नाम के जाप से व्यक्ति को अपने व्यापार में जल्द ही सफलता प्राप्त होती है !
– भगवान के नटराज नाम का जाप करने से मान सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है !
– भगवान शिव के रुद्र नाम का जाप करने से उग्र स्वभाव के बच्चों के व्यवहार में बदलाव आता है !