Shiv ji ki aarti : सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पढ़े उनकी पसंदीदा आरती, मुश्किलें होंगी दूर, होगा भरपूर लाभ | Shiv ji ki aarti

Shiv ji ki aarti : सोमवार के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पढ़े उनकी पसंदीदा आरती, मुश्किलें होंगी दूर, होगा भरपूर लाभ

Edited By :   Modified Date:  August 2, 2024 / 05:21 PM IST, Published Date : August 2, 2024/4:05 pm IST

Shiv ji ki aarti: अस्तित्व में सबसे बड़ी शक्ति शिव हैं। शिव का अर्थ है – कुछ न होना। कुछ न होना, सब कुछ का आधार है । ऐसे तो भगवान शिवजी की कई आरतियां हैं। जैसे : ओम जय शिव ओंकारा, आरती महादेव जी की आदि । ये वाली आरती भगवान भोलेनाथ को बहुत प्रिय है । इस आारती से देवों के देव महादेव प्रसन्न होकर भक्त के सभी कष्टों का नाश करते हैं और उनके जीवन में खुशियों का आगमन होता है ।

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Shiv ji ki aarti: आइये पढ़े भगवान शिव जी की आरती

हर हर महादेव।
सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव! सबके स्वामी।
अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी।।

हर हर हर महादेव।
आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी।
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी।।

हर हर हर महादेव।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी।
कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी।।

हर हर हर महादेव।
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी।
साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता अभिमानी।।

हर हर हर महादेव।
मणिमय-भवन निवासी, अति भोगी रागी।
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी।।

हर हर हर महादेव।
छाल-कपाल, गरल-गल, मुण्डमाल व्याली।
चिता भस्मतन त्रिनयन, अयनमहाकाली।।

हर हर हर महादेव।
प्रेत-पिशाच-सुसेवित, पीत जटाधारी।
विवसन विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी।।

हर हर हर महादेव।
शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी।
अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि-मन-हारी।।

हर हर हर महादेव।
निर्गुण, सगुण, निरञ्जन, जगमय नित्य-प्रभो।
कालरूप केवल हर! कालातीत विभो।।

हर हर हर महादेव।
सत्, चित्, आनन्द, रसमय, करुणामय धाता।
प्रेम-सुधा-निधि, प्रियतम, अखिल विश्व त्राता।।

हर हर हर महादेव।
हम अतिदीन, दयामय। चरण-शरण दीजै।
सब बिधि निर्मल मति कर, अपना कर लीजै।।

ॐ हर हर हर महादेव।