Lord Shiva grace remains by worshiping on Monday

Sawan Somwar 2023: सावन का पहला सोमवार क्यों है इतना खास? जानिए महादेव की पूजा से जुड़ी ये खास बातें…

Lord Shiva grace remains on Monday सावन का पावन महीना भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय है। हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है।

Edited By :   Modified Date:  July 9, 2023 / 02:53 PM IST, Published Date : July 9, 2023/2:53 pm IST

Lord Shiva grace remains on Monday: सावन का पावन महीना भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय है। हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। मान्यताओं के मुताबिक, सावन में महादेव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। सावन में सोमवार का व्रत भी रखा जाता है, जिसे सोमवारी के नाम से जाना जाता है। इस साल सावन की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से हो रही है, जबकि इसका समापन 31 अगस्त को होगा।

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साल 2023 का सावन एक नहीं बल्कि दो महीने का होगा। दरअसल, इस साल सावन में मलमास या अधिकमास लग रहा है, इस कारण से सावन दो महीने का रहेगा। शिव भक्तों को भोलेनाथ की आराधना करने के लिए 4 की जगह 8 सोमवार मिलेंगे। बता दें कि सावन में सोमवार व्रत का महत्व बढ़ जाता है।

पहला सोमवार व्रत क्यों है खास?

सावन का पहला सोमवार व्रत भक्तों के लिए काफी मायने रखता है। इस साल सावन के पहले सोमवार पर खास योग बन रहे हैं। सावन का पहला सोमवार का व्रत 18 जुलाई 2023 को रखा जाएगा और इसी दिन रवि योग का संयोग बन रहा है। धर्म शास्त्र में रवि योग को बहुत ही शुभ माना गया है। माना जाता है कि इस योग में की गई पूजा-पाठ और मंत्रों का उच्चारण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वहीं रवि योग में शिव परिवार की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, संपन्नता और खुशहाली आती है।

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शिवजी की पूजा से जुड़ी ये खास बातें

Lord Shiva grace remains on Monday: सावन को शिवजी का प्रिय महीना कहा जाता है। इसे लेकर ऐसी पौराणिक और धार्मिक मान्यता है कि, दक्ष पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई हजार वर्षों तक श्रापित जीवन व्यतीत किया। इसके बाद उनका जन्म हिमालय राज के घर माता पार्वती के रूप में हुआ। माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सावन में कठोर तप किए। इसके बाद भगवान शिव माता पार्वती से प्रसन्न हुए और पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

इसके साथ ही एक मान्यता यह भी है कि, सावन में भगवान शिव कैलाश छोड़कर धरती पर निवास करते हैं। सावन में शिवजी धरती पर आकर सृष्टि का संचालन करते हैं। इन्हीं कारणों से सावन माह का महत्व और भी बढ़ जाता है।

 

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