नई दिल्ली। Sawan Shivratri 2024 Vrat : सावन के महीने की शिवरात्रि का महत्व बहुत खास माना जाता है। शिवुपराण के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत करने से आपको संपूर्ण सावन की पूजा का फल प्राप्त होता है। साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके प्रभाव से आपके जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है और परिवार में खुशियां आती हैं। मान्यता है कि शिवरात्रि का व्रत शिवजी को सबसे प्रिय होता है और सावन शिवरात्रि का महत्व फाल्गुन मास की शिवरात्रि के बाद सबसे अधिक माना जाता है।
चतुर्दशी तिथि आरंभ – 2 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 3 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर
सावन शिवरात्रि 2024 तिथि- 2 अगस्त
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 07:11 पीएम से 09:49 पीएम
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – 09:49 पीएम से 12:27 एएम,
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 12:27 एएम से 03:06 एएम (3 अगस्त)
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 03:06 एएम से 05:44 एएम (3 अगस्त)
निशिता काल पूजा समय – 12:06 एएम से 12:49 एएम (3 अगस्त)
सावन शिवरात्रि पारण समय – 3 अगस्त को सुबह 5 बजकर 44 मिनट से दोपहर 3 बजकर 49 मिनट तक
शिवरात्रि के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें।
इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
अब मंदिर की सफाई कर गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें लें।
फिर शिवलिंग, भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
शिवलिंग पर गंगाजल बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग अर्पित करें।
महादेव के सामने घी या तेल का दीया जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें।
इसके बाद शिवजी की आरती करें और बाद में मंत्रों का जाप करें।
पूजा होने के बाद परिवार के लोगों में प्रसाद का वितरण कर दें।
मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर को बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जप किया जाता है। कहते हैं ऐसा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है और जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान भी निकलता है। इसके अलावा आज जो भक्त मास शिवरात्रि का व्रत करते हैं, भगवान शिव उनसे प्रसन्न होकर उनके सभी कामों को सफल बनाते हैं। दांपत्य जीवन में खुशियां ही खुशियां आती हैं। साथ ही अविवाहित जातक के विवाह में आ रही अड़चनें दूर हो जाती है और सुयोग्य वर या वधू की प्राप्ति होती है।