Sai baba Aarti : “सबका मालिक एक है” जिन्हें शिरडी साईं बाबा के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु और फकीर थे, जिन्हें एक संत माना जाता था। साईं बाबा का असली नाम अज्ञात है। बाबा स्वयं कहा करते थे “हम तो साई है गुसाई है” जब वे शिरडी लौटे तो मंदिर के पुजारी महालसापति ने उन्हें साईं नामसे स्वागत किया था। साईं शब्द मालिक को संदर्भित करता है, लेकिन इसका अर्थ सर्वशक्तीमान भगवान भी हो सकता है। कई भारतीय और मध्य पूर्वी भाषाओं में बाबा शब्द एक सम्मानसूचक शब्द है जिसका अर्थ दादा, पिता, बूढ़ा व्यक्ति या साहब है। इस प्रकार साईं बाबा का अर्थ है “मालिक “।
Sai baba Aarti : आईये यहाँ पढ़ें और सुनें साई बाबा जी की आरती
॥ श्री साईं बाबा आरती ॥
आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।
जा की कृपा विपुल सुखकारी,दु:ख शोक, संकट, भयहारी॥
आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।
शिरडी में अवतार रचाया,चमत्कार से तत्व दिखाया।
Sai baba Aarti
कितने भक्त चरण पर आये,वे सुख शान्ति चिरंतन पाये॥
आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।
भाव धरै जो मन में जैसा,पावत अनुभव वो ही वैसा।
गुरु की उदी लगावे तन को,समाधान लाभत उस मन को॥
Sai baba Aarti
आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।
साईं नाम सदा जो गावे,सो फल जग में शाश्वत पावे।
गुरुवासर करि पूजा-सेवा,उस पर कृपा करत गुरुदेवा॥
आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।
Sai baba Aarti
राम, कृष्ण, हनुमान रुप में,दे दर्शन, जानत जो मन में।
विविध धर्म के सेवक आते,दर्शन कर इच्छित फल पाते॥
आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।
जै बोलो साईं बाबा की,जै बोलो अवधूत गुरु की।
Sai baba Aarti
‘साईंदास’ आरती को गावै,घर में बसि सुख, मंगल पावे॥
आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।
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