नई दिल्ली । Ram Navami Puja Muhurat पूरे देश में राम नवमी बड़े हर्ष के साथ मनाई जाती है।राम नवमी के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि इस दिन जब पुष्य नक्षत्र पर, मध्यान्ह के समय, कर्क लग्न में सूर्यादि पांच ग्रह थे, तब अयोध्या में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ। पुराणों में बताया गया है कि प्रभु श्रीराम का जन्म मध्यकाल में हुआ था। यही कारण है कि नवरात्र का व्रत रखने वाले इस दिन भी तीसरे प्रहर तक व्रत करते हैं और फिर दोपहर में रामजन्म उत्सव मनाया जाता है। ऐसी मान्यता हे कि इस व्रत के रखने से उपवासक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ओर उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
Ram Navami Puja Muhurat तुलसीदासजी ने रामचरित मानस में भगवान राम के जीवन का वर्णन करते हुए बताया है कि श्रीराम प्रातः अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करते थे जबकि आज चरण स्पर्श तो दूर बच्चे माता-पिता की बात तक नहीं मानते। भगवान राम ने त्रेतायुग में धर्म की स्थापना के लिए राजा दशरथ के घर जन्म लिया था। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, जिन्होंने त्रेता युग में रावण का संहार करने के लिए धरती पर अवतार लिया। उन्होंने माता कैकेयी की 14 वर्ष वनवास की इच्छा को सहर्ष स्वीकार करते हुए पिता के दिए वचन को निभाया। यदि राम की सही मायने में आराधना करनी है और राम राज्य स्थापित करना है तो ‘जय श्रीराम’ के उच्चारण के पहले उनके आदर्शों और विचारों को आत्मसात किया जाना चाहिए। तभी रामनवमी मनाने का संकल्प सही साबित होगा। इस साल राम नवमी 30 मार्च 2023 को मनाई जाएगी। आपको बता दें कि राम नवमी का यह त्योहार हर साल चैत्र महीने शुक्ल पक्ष के नौवें दिन मनाया जाता है।
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राम नवमी पूजा मुहूर्त
चैत्र मास 2023 की नवमी तिथि आरंभ: 29 मार्च 2023, रात 09 बजकर 07 मिनट से
चैत्र मास 2023 की नवमी तिथि समाप्त: 30 मार्च 2023, रात 11 बजकर 30 मिनट पर
राम नवमी 2023 अभिजीत मुहूर्त: 30 मार्च 2023, सुबह 11 बजकर 17 मिनट से दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक
राम नवमी 2023 कुल पूजा अवधि: 2 घंटे 28 मिनट रहेगी