Pahli Bar Rakhi Kisne Kisko Bandhi

Pahli Bar Rakhi Kisne Kisko Bandhi: दुनिया में पहली बार राखी किसने किसको बांधी थी? कब से शुरू हुआ रक्षाबंधन का पर्व? क्या आप जानते हैं इसके पीछे की कहानी

Pahli Bar Rakhi Kisne Kisko Bandhi: दुनिया में पहली बार राखी किसने किसको बांधी थी? कब से शुरू हुआ रक्षाबंधन का पर्व? क्या आप जानते हैं इसके पीछे की कहानी

Edited By :   Modified Date:  August 19, 2024 / 10:30 AM IST, Published Date : August 19, 2024/10:30 am IST

नई दिल्ली: Pahli Bar Rakhi Kisne Kisko Bandhi सावन महीने के आखिरी दिन यानि आज देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। भाद्रा का साया होने चलते बहनें अपने भाइयों को 1.40 मिनट के बाद राखी बांधेंगी। बता दें कि रक्षाबंधन के पावन पर्व में भद्रा को बहुत ही महत्व दिया जाता है, क्योंकि भद्रा में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसलिए, इस काल में राखी भी नहीं बांधनी चाहिए। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया मं पहली बार राखी किसने किसको बांध थी? नहीं…ना… तो चलिए आज आपको बताते हैं कैसे हुई रक्षाबंधन की शुरुआत?

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Pahli Bar Rakhi Kisne Kisko Bandhi शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन की शुरुआत करीब 6000 साल पहले हुई थी। रक्षाबंधन के पीछे भी एक पौराणिक मान्यता है। ऐसा कहा जाता है कि पहली बार राखी माता लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी। लेकिन अब सवाल उठता है कि माता लक्ष्मी ने राजा बलि को ही राखी क्यों बांधी। तो आपको बता दें कि इसके भी पीछे नारद जी थे। जी हां वही नारद जो तब के समय में संदेशवाहक माने जाते थे।

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शास्त्रों के अनुसार राजा बलि दानवीर कहा जाता है। राजा बलि इतने बड़े दानवीर थे कि कोई कुछ भी मांग ले पलक झपकते ही दान कर देते हैं। राजा बलि की दानवीरता के बारे में जब भगवान विष्णु को पता चला तो उन्होंने राजा बलि की परीक्षा लेने के लिए वामन अवतार लिया और तीन पग में सार राज्य मांग लिया। पूरा राज्य दान में मांगने के बाद भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल में निवास करने का आदेश दिया। इसके बाद राजा बलि ने भगवान विष्णु को भी अपने साथ पाताल में रहने को कहा, जिसे भगवान विष्णु मना नहीं कर सकें और उनके साथ चले गए।

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वहीं, जब भगवान विष्णु लंबे समय तक नहीं लौटे तो माता लक्ष्मी को चिंता होने लगी। ऐसे में नारद जी ने माता लक्ष्मी को सलाह दी कि वो राजा बलि को राखी बांधकर भाई बना लें और उपहार के तौर पर भगवान विष्णु को मांग लें। नारद जी की सलाह मानते हुए माता लक्ष्मी ने ऐसा ही किया और इस संबंध को प्रगाढ़ बनाते हुए उन्होंने राजा बलि के हाथ पर राखी यानी रक्षा सूत्र बांधा और तभी से राखी की शुरुआत हुई। हालांकि इसके अलावा भी कई और कथाएं है जिसमें बताया गया है कि सबसे पहले राखी किसने और किसे बांधी थी।

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