Raksha Bandhan 2024: सावन मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन रक्षाबंधन को बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उससे रक्षा का वचन लेती हैं। भाई इस दिन अपनी बहनों को अपने प्रेम के रूप में उपहार देते हैं। इस बार भी सावन माह की पूर्णिमा को भद्रा का साया रहेगा। कहा जाता है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ऐसे में लोगों को ये चिंता है कि वे अपने भाईयों को रक्षासूत्र किस समय बांधे और क्या है इसका शुभ मुहूर्त।
बता दें कि, हमेशा पूर्णिमा तिथि पर भद्रा रहित मुहूर्त में ही राखी बांधनी चाहिए। इस दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित सावन का अंतिम सोमवार भी पड़ रहा है। एक साथ दो संयोग से इस दिन का महत्व और बढ़ गया है। हालांकि, पूर्णिमा तिथि 18 अगस्त को देर रात 03:04 बजे से शुरू हो जाएगी, जो 19 अगस्त को रात 12.28 बजे तक रहेगी। पाताल लोक की भद्रा सूर्योदय से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगी। इस वजह से भद्रा काल में रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाया जाएगा। वहीं बहनों के लिए 19 अगस्त की राखी बांधने के 3 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। ऐसे में बहने चर, लाभ और अमृत योग में भाइयों की कलाई पर रेशम का धागा बांध सकती हैं।
राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और रात 09 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा। रक्षा बंधन के लिए दोपहर के बाद का मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और शाम 04 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। रक्षा बंधन के लिए प्रदोष काल का समय शाम 06 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा और रात 09 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा।
शोभन योग पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 5 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक
रवि योग (Ravi Yog) प्रात: 5 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक
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