Radha Ashtami Shubh Muhurat Radha Ashtami Puja Vidhi

Radha Ashtami 2024 : कल मनाई जाएगी राधा अष्टमी, पूजा में शामिल करें ये पांच चीजें, यहां जानें व्रत नियम, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

कल मनाई जाएगी राधा अष्टमी, पूजा में शामिल करें ये पांच चीजें, यहां जानें व्रत नियम,Radha Ashtami Shubh Muhurat Radha Ashtami Puja Vidhi

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Modified Date: September 10, 2024 / 08:57 AM IST
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Published Date: September 10, 2024 8:57 am IST

नई दिल्लीः Radha Ashtami 2024 प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जनमाष्टमी मनाया जाता है। वहीं, भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष 11 सितंबर 2024 दिन बुधवार को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन साधक व्रत रखते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से किशोरी जी प्रसन्न होती हैं।

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राधा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Radha Ashtami Shubh Muhurat)

Radha Ashtami 2024 पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर को रात 11 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 11 सितंबर को रात 11 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। ऐसे 11 सितंबर को राधा अष्टमी (Radha Ashtami Vrat Time) मनाई जाएगी। राधा अष्टमी के दिन राधा रानी की पूजा सुबह 11 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक कर सकते हैं।

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ऐसे करें राधा अष्टमी व्रत

राधा अष्टमी (Radha Ashtami Vrat Vidhi) के दिन ब्रह्म बेला में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। दैनिक कार्यों को करने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। अब आचमन करें। हथेली पर जल रखकर तीन बार ग्रहण करें। इस दौरान इन मंत्रो का जप करें।

‘ॐ केशवाय नम: ॐ नाराणाय नम: ॐ माधवाय नम: ॐ ह्रषीकेशाय नम:’

घर और मंदिर की विशेष साफ-सफाई करें। अब चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर राधा कृष्ण जी की मूर्ति को विराजमान करें । व्रत का संकल्प लें अब उनका श्रृंगार करें। देसी घी का दीपक जलाकर आरती कर मंत्रो का जप करें। इसके बाद राधा कृष्ण से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति में वृद्धि के लिए प्रार्थना करें। दिन भर व्रत रखें। संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें। इसके बाद अगले दिन पूजा-अर्चना करने के बाद व्रत का पारण करें।

राधा अष्टमी व्रत के नियम

  • तामसिक भोजन का सेवन न करें।
  • बड़े बुजुर्गों का अपमान न करें।
  • किसी के प्रति में गलत विचार धारण न करें।
  • घर को गंदा न रखें।
  • व्रत के दौरान दिन में न सोएं।

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पूजन सामग्रियां

  • धूप-दीप
  • खीर
  • फल
  • मिठाई
  • इत्र
  • अक्षत
  • फूल
  • लाल चंदन
  • सिंदूर
  • रोली
  • पंचामृत
  • नए वस्त्र
  • फूलों की माला
  • श्रृगांर का सामान

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