नई दिल्ली : Purva Phalguni Nakshatra : मघा की तरह पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र पर भी हिंदी महीने का नाम है, जिसे हम फाल्गुन या फागुन कहते हैं। पूर्वाफाल्गुनी का अर्थ है चारपाई, दीवान या तखत के आगे वाले दो पांव। इस नक्षत्र के देवता भग हैं जो सूर्य की माता अदिति के बारह पुत्रों में से एक यानी सूर्य के भाई हैं। इन्हें सुख, वैभव, आनंद प्रदान करने वाला माना जाता है और यह नक्षत्र सिंह राशि में पड़ता है। इसलिए जिन लोगों की भी सिंह राशि है उनका पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र हो सकता है। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं और समाज के द्वारा इनको सम्मान भी प्राप्त होता है। इनके भीतर आत्मविश्वास बहुत ज्यादा होता है और इनमें नेतृत्व करने की क्षमता बचपन से ही होती है।
Purva Phalguni Nakshatra : सिद्धांतवादी होने के कारण कई बार यह उस बात को लेकर अड़ जाते हैं, जिसके कारण इनके हाथ से अवसर निकलने की प्रबल आशंका बनी रहती है। कई बार इन्हें बातें बहुत लग जाती हैं। छोटी-छोटी बातों को यह अपने आत्मसम्मान से जोड़ लेते हैं। यह किसी का हंसी-मजाक भी नहीं बर्दाश्त कर पाते हैं और इन्हें कहें जाने पर इंतजार करने में भी दिक्कत होती है। इन्हें इस स्वभाव में परिवर्तन लाते हुए थोड़ा व्यवहारिक होना चाहिए। यह लोग आज के जमाने में भी कुछ गैर जरूरी चीजों पर अपना फोकस रखते हैं जिससे इन्हें जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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Purva Phalguni Nakshatra : पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्में लोगों की वनस्पति है ढाक जिसका प्राचीन नाम पलाश है। इसे टेसू के नाम से भी जानते हैं। इसके लाल और पीले रंग के शेड के फूल बहुत ही आकर्षक होते हैं। जिन्हें देख कर आभास होता है कि पेड़ में आग लगी है। फूलों के इसी गुण के कारण इसे “जंगल की आग” भी कहा जाता है।
पलाश का फूल उत्तर प्रदेश का राज्य पुष्प है। होली के रंग इसके फूलों से तैयार किए जाते हैं। पलाश का पेड़ लगाने से पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र बलवान होता है। व्यक्ति में आत्मबल और प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
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