Chaitra Navratri 2020: कल से नवरात्रि, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त | Navratri from tomorrow, know the auspicious time of the establishment

Chaitra Navratri 2020: कल से नवरात्रि, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2020: कल से नवरात्रि, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 PM IST
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Published Date: March 24, 2020 11:36 am IST

धर्म। चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 मार्च बुधवार को है। इस तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। अंतिम तिथि को रामनवमीं मनाया जाता है। इन नौ दिनों में भक्त मां के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना करते हैं। माता नवरा​त्र के पावन पर्व में सभी की मनोकना पूर्ण करती है।

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नवरात्र में 9 दिनों का उपवास का भी विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में शक्ति के नौं रुपों की पूजा करने से सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख, शांति आ जाती है। बता दें कि इस तारीख से हिंदू नववर्ष की शुरूआत हो रही है।

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शुभ मुहूर्त में ही घटस्थापना के बाद नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाई जाती है। और विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। इसके बाद ही उपवास किया जाता है। सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक शुभ मुहूर्त है।

चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ होते ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है। इस साल 25 मार्च से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2077 का आगाज हो जाएगा। नव संवत 2077 का नाम- प्रमादी है।

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नवरात्रि के दिनों में मां के इन 9 रुपों की पूजा की जाती है, पहले दिन देवी शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी नौवीं सिद्धिदात्री।

पूजा विधि
सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें। गंगाजल छिड़क कर चौकी को पवित्र करना न भूलें। चौकी के समक्ष किसी बर्तन में मिट्टी फैलाकर ज्वार के बीज बो दें। मां दुर्गा की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें और दुर्गा जी का रोली से तिलक करें। नारियल में भी तिलक लगाएं। फूलों का हार दुर्गा जी की प्रतिमा को पहनाएं। कलश स्थापना करने से पहले कलश पर स्वास्तिक अवश्य बना लें। कलश में जल, अक्षत, सुपारी, रोली एवं मुद्रा (सिक्का) डालें और फिर एक लाल रंग की चुन्नी से लपेट कर रख दें।

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