धर्म। सावन का महीना इस वर्ष 14 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। वैसे तो भोलेनाथ की पूजा की किसी भी मास में की जा सकती है, लेकिन भगवान शिव की पूजा के लिये सबसे पवित्र माह सावन को माना जाता है। सावन में शिवभक्त सोमवार के दिन मनचाहे वर के लिये भगवान शिव का व्रत रखते हैं। इन शिवभक्तों को अपने श्रावण मास को और भी फलदाई बनाने के लिये व्रत के दौरान भगवान शिव पौराणिक कथाओं का पाठ अवश्य करना चाहिए।
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भगवान शिव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। पार्वती ने सावन के महीने में ही भगवान शिव को पाने के लिए कड़ी तपस्या की थी। जिसकी वजह से उन्हें भगवान शिव मिले थे और उन्होंने सुखी जीवन व्यतीत किया था, इसलिये अविवाहित कन्याओं के लिए भी सावन में व्रत करना फलदाई माना जाता है। मान्यता है, सावन सोमवार का व्रत रखने से कन्याओं को इच्छानुसार वर की प्राप्ति होती है।
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सावन में शिव भक्त अपने इष्ट से आशीर्वाद पाने और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिये व्रत रखते हैं। भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। इस वर्ष सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई के दिन पड़ने वाला है। सावन में भगवान शिव की पूजा करने के दौरान सावन के सोमवार के व्रत की कथा और शिवपुराण का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। इन कथाओं का पाठ श्रावण मास को और भी फलदाई बना देता है।
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सावन 2022 प्रारंभ: 14 जुलाई 2022, गुरुवार
सावन का पहला सोमवार- 18 जुलाई 2022
सावन का आखिरी सोमवार- 8 अगस्त 2022
सावन 2022 का समापन- 12 अगस्त 2022, शुक्रवार
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