Maa Skandmata ki Aarti : नवरात्री के पाँचवे दिन पढ़ना न भूलें देवी दुर्गा का परम ममतामयी रूप माँ स्कंदमाता की आरती, मिलेगा शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद | Maa Skandmata ki Aarti

Maa Skandmata ki Aarti : नवरात्री के पाँचवे दिन पढ़ना न भूलें देवी दुर्गा का परम ममतामयी रूप माँ स्कंदमाता की आरती, मिलेगा शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद

On the fifth day of Navaratri, do not forget to read the Aarti of Maa Skandamata, the most affectionate form of Goddess Durga, you will get the blessings of power and prosperity

Edited By :   Modified Date:  September 25, 2024 / 01:26 PM IST, Published Date : September 25, 2024/1:26 pm IST

Maa Skandmata ki Aarti : नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. स्कंदमाता को देवी शक्ति की दाता माना जाता है. उनका नाम स्कंद से आया है , जो युद्ध के देवता कार्तिकेय का एक वैकल्पिक नाम है, और माता, जिसका अर्थ है माँ। इनकी पूजा करने से भक्तों को अपने काम में सफल होने की शक्ति मिलती है। स्कंदमाता को सफ़ेद रंग बहुत पसंद है। मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा में सफ़ेद रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। मां स्कंदमाता को केले का भोग बहुत पसंद है. इसके अलावा, मां भगवती को खीर का प्रसाद भी अर्पित किया जा सकता है । ऐसा माना जाता है कि वह भक्तों को मोक्ष, शक्ति, समृद्धि और संपदा प्रदान करती हैं। यदि कोई व्यक्ति उनकी पूजा करता है, तो वह अशिक्षित व्यक्ति को भी ज्ञान का सागर प्रदान कर सकती हैं। सूर्य के समान तेज वाली स्कंदमाता अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। जो व्यक्ति उनकी निःस्वार्थ भक्ति करता है, उसे जीवन की सभी सिद्धियां और संपदाएं प्राप्त होती हैं। स्कंदमाता की पूजा से भक्त का हृदय शुद्ध होता है। उनकी पूजा से दोगुना पुण्य मिलता है। जब भक्त उनकी पूजा करता है, तो उनकी गोद में बैठे उनके पुत्र भगवान स्कंद की पूजा स्वतः ही हो जाती है। इस प्रकार, भक्त को भगवान स्कंद की कृपा के साथ-साथ स्कंदमाता की कृपा भी प्राप्त होती है।

Maa Skandmata ki Aarti : आईये पढ़ें मां स्कंदमाता के कुछ शक्तिशाली मंत्र

मां स्कंदमाता के कुछ शक्तिशाली मंत्र 

– या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
– सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया. शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
– ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥
– ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
– महाबले महोत्साहे। महाभय विनाशिनी। त्राहिमाम स्कन्दमाते। शत्रुनाम भयवर्धिनि।

Maa Skandmata ki Aarti : आईये हम करें देवी स्कंदमाता की आरती

जय तेरी हो स्कंद माता
पांचवां नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं
हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं
Maa Skandmata ki Aarti
कई नामों से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कहीं पहाड़ों पर है डेरा
कई शहरो मैं तेरा बसेरा
हर मंदिर में तेरे नजारे
गुण गाए तेरे भगत प्यारे
भक्ति अपनी मुझे दिला दो
Maa Skandmata ki Aarti
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इंद्र आदि देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए
तुम ही खंडा हाथ उठाए
दास को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुराने आई…।

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