Jupiter/Saturn Retrograde: ज्योतिष शास्त्र में गुरू और शनि ग्रह का बड़ा महत्व माना जाता है। गुरु को सौभाग्य का कारक माना जाता है, वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को देवगुरु का दर्जा दिया गया है। कहते है कि कुंडली में अगर गुरु मजबूत हो तो जीवन में ज्ञान, सुख, समृद्धि और संपन्नता मिलती है, क्योंकि गुरु को सुख, सौभाग्य का कारक कहा जाता है।इसी कड़ी में 4 सितंबर सोमवार को देव गुरु बृहस्पति शाम 07 बजकर 39 मिनट पर वक्री होने जा रहे हैं, जो 31 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 09 मिनट तक वक्री रहेंगे। 118 दिनों के बाद गुरु मार्गी होंगे, गुरु के वक्री होने से करीब 4 माह तक 3 राशिवालों को बहुत लाभ मिलेगा।
Jupiter/Saturn Retrograde: गुरु बृहस्पति का वक्री होना जातकों को लाभकारी साबित हो सकता है। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। करियर में वृद्धि हो सकती है। बेरोजगारों के लिए समय अनुकूल है, नौकरी ने नए अवसर मिल सकते हैं।नौकरीेपेशा को भी सफलता मिल सकती है। व्यापारियों को कारोबार में लाभ मिलने के योग है। कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। तरक्की के लिए नए अवसर मिल सकते है।बिजनेस वर्ग के लोगों को फायदा मिलेगा, निवेश में भी लाभ मिलने के योग है।हालांकि शत्रुओं से सावधान रहने की जरूरत है। नौकरी बदलने का विचार कर सकते हैं। अचानक किसी नए शहर के लिए ट्रांसफर हो सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है।
Jupiter/Saturn Retrograde: गुरू का वक्री होना बड़ा लाभ पहुंचाने वाला साबित हो सकता है।जो लोग नवविवाहित हैं उन्हें संतान का सुख मिल सकता है। जमीन-जायदाद संबंधी लाभ हो सकता है।लव लाइफ अच्छी रहेगी। विदेश में जाकर शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिल सकता है । आय में वृद्धि के योग बनेंगे। गुरु की कृपा से धन में वृद्धि होगी, पैतृक संपत्ति का लाभ मिलेगा। नई गाड़ी, नया मकान या प्लॉट खरीद सकते है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा
Jupiter/Saturn Retrograde: गुरु का वक्री होना जातकों के लिए शुभ सिद्ध हो सकता है। धर्म- कर्म के कामों में रूचि बढ़ेगी। भाग्य साथ मिल सकता है। नया काम शुरू करने पर सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा के लिए समय अनुकूल रहेगा। प्रतियोगी छात्रों को परीक्षा में सफलता हासिल करने में कामयाब होंगे। यात्रा के योग है, काम कारोबार में लाभ मिल सकता है। संतान से संबंधित कोई शुभ समचार प्राप्त हो सकता है।
Jupiter/Saturn Retrograde: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्मकारक और न्याय का देवता माना जाता है। कहते है कि अगर किसी की राशि में शनि मेहरबान हो जाए तो उसे मालामाल कर देते है, लेकिन अगर नकारात्मक प्रभाव डाले तो साढ़े साती शुरू हो जाती है। वर्तमान में शनि वक्री अवस्था में अपनी स्वराशि कुंभ राशि में विराजमान है और 22 अगस्त को शनि शतभिषा नक्षत्र के पहले चरण में भी प्रवेश कर गए है और 15 अक्टूबर को सुबह 4.49 मिनट तक रहेगा।वही अब 29 अगस्त को वक्री अवस्था में ताकतवर होकर भ्रमण करने जा रहे है, जिससे 4 राशियों को लाभ मिलेगा।
Jupiter/Saturn Retrograde: शनि देव का पॉवरफुल होकर भ्रमण जातकों को शुभ फल प्रदान कर सकता है।भाग्य का साथ मिलेगा। काम- कारोबार में सफलता मिल सकती है। धन प्राप्ति के योग बनेंगे और कार्यों में सिद्धि प्राप्त होगी। समय अच्छा रहेगा। केन्द्र त्रिकोण राजयोग का भी लाभ मिलेगा। आमदनी में वृद्धि, करियर में ग्रोथ और बिजनेस में अपार धन प्राप्ति का अवसर मिल सकता है। नौकरी में तरक्की मिल सकती है। बेरोजगार के लिए समय अनुकूल रहेगा, सफलता मिलेगी और अचानक धन लाभ भी होने के योग है।
Jupiter/Saturn Retrograde: शनि देव वक्री होकर भ्रमण करना अच्छा सिद्ध हो सकता है। कोई बड़ी सफलता मिल सकती है। कोई मनोकामना पूरी हो सकती है। शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करना भी शुभ सिद्ध होने के संकेत है। यात्राओं के योग के साथ कार्यों में सफलता मिलेगी। जो लोग विदेश से जुड़ा व्यापार करते हैं, उनके लिए समय अनुकूल है, लाभ मिलेगा। आपकी राशि के स्वामी बुध देव हैं जिनकी शनि देव के साथ मित्रता है, ऐसे में दोनों की कृपा बनी रहेगी।
Jupiter/Saturn Retrograde: शनि का भ्रमण करना शुभ साबित हो सकता है, किस्मत का साथ मिलेगा। कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता हासिल हो सकती है। बीमारी से मुक्ति मिल सकती है।संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। अचानक धन की प्राप्ति भी हो सकती है। 2025 तक शनि के कुंभ राशि में रहने से जातकों से संतान की ओर से खुशखबरी मिल सकती है। संतान के करियर और आर्थिक लिहाज शुभ रहेगा। नौकरी और व्यापार करने वालों के लिए साल 2025 तक कई अच्छे मौके मिलेंगे। जमीन-जायदाद में आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है। नई कार या फिर घर खरीद सकते हैं। कहीं से अचानक आपको धन लाभ होता दिखाई पड़ रहा है।
Jupiter/Saturn Retrograde: शनि के कुंभ में रहने से जातकों को लाभ मिलेगा। शनि देव वक्री होकर कुंभ राशि में भ्रमण करना अनुकूल सिद्ध हो सकता है।मेहनत का फल मिलेगा। आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। नौकरीपेशा लोगों को जॉब के नए अवसर मिल सकते हैं, पदोन्नति के प्रबल योग है। कार्यों में सफलता मिलेगी।
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