Labh Panchami : लाभ पंचमी के दिन पूजा अर्चना के समय ज़रूर पढ़ें ये चमत्कारी मंत्र, व्यवसाय में होगा लाभ ही लाभ, चमक उठेगी किस्मत | Labh Panchami

Labh Panchami : लाभ पंचमी के दिन पूजा अर्चना के समय ज़रूर पढ़ें ये चमत्कारी मंत्र, व्यवसाय में होगा लाभ ही लाभ, चमक उठेगी किस्मत

On the day of Labh Panchami, definitely read this miraculous mantra during worship, there will be profit in business, luck will shine

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Modified Date: November 5, 2024 / 03:30 PM IST
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Published Date: November 5, 2024 3:30 pm IST

Labh Panchami : लाभ पंचमी, जिसे लाखेनी पंचमी और सौभाग्य पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, एक सार्थक हिंदू त्यौहार है जिसे भक्ति, कृतज्ञता और देने की भावना के साथ मनाया जाता है। दिवाली के पाँचवें दिन मनाया जाने वाला यह शुभ दिन समृद्धि, विकास, नई शुरुआत और दान के महत्व का प्रतीक है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भारत के गुजरात राज्य में, लाभ पंचमी सबसे अधिक महत्ता के साथ मनाया जाता है। लाभ पंचमी त्यौहार को सौभाग्य पंचमी, ज्ञान पंचमी, लाखेनी पंचमी एवं सौभाग्य लाभ पंचम भी कहा जाता है।

Labh Panchami : लाभ पंचमी पर पढ़े जाने वाला चमत्कारी मंत्र 

लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः
येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः ॥
अर्थ : जिनके हृदय में श्याम रंग के पद्म स्वरूपी जनार्दन का वास है, उन्हें सदैव यश (लाभ) मिलता है, उनकी सदैव जय होती है, उनकी पराजय कैसे संभव है !

Labh Panchami

ऐसा माना जाता है कि लाभ पंचमी के दिन पूजा करने से व्यवसाय और परिवार में लाभ, भाग्य तथा उन्नति मिलती है। गुजरात राज्य में लाभ पंचमी को दिवाली उत्सव का समापन माना जाता है। लाभ पंचमी गुजरात न्यू ईयर का पहला कामकाजी दिन होता है। गुजरात में अधिकतर व्यवसायी दिवाली मनाकर लाभ पंचमी को वापस अपने काम को प्रारंभ करते हैं।

Labh Panchami

लाभ पंचमी का महत्व
लाभ पंचमी का त्योहार रोशनी के लोकप्रिय हिंदू त्योहार दिवाली से जुड़ा है। इसलिए यह दिन जीवन में सौभाग्य और लाभ लाने वाला माना जाता है। जो लोग दुकान, व्यवसाय या फैक्ट्री शुरू करते हैं वे इस दिन को बहुत शुभ मानते हैं। लोग खासतौर पर अपना नया बिजनेस शुरू करते हैं। हर साल भक्त इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

Labh Panchami

लाभ पंचमी पूजा विधि
– लाभ पंचमी या सौभाग्य पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल वस्त्र पहनें और सूर्य देव को अर्घ्य दें।
– फिर शुभ मुहूर्त में चंदन, फूल, अक्षत और मौली से भगवान शिव और भगवान गणेश की पूजा करें।
– भगवान गणेश को दूर्वा, सिन्दूर और मोदक चढ़ाएं। पूजा की सुपारी पर कलावा लपेटें और इसे गणपति का प्रतीक मानकर पूजा करें।
– भोलेनाथ को भस्म और धतूरा चढ़ाएं।
– देवी लक्ष्मी को कमल का फूल, सफेद मिठाई चढ़ाएं और मंत्र ॐ श्रीं श्रीं लक्ष्मी महालक्ष्मी एयैहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा का जाप करें।
– अगर आप दिवाली पर नए बही-खातों की पूजा नहीं कर पाए हैं तो लाभ पंचमी के दिन यह शुभ काम कर सकते हैं।
– लाभ पंचमी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, पैसे या अन्य जरूरी चीजें भी दान करनी चाहिए।

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