Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023

Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023 : 7 जून को है कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी, भगवान गणेश की करें आराधना, यहां देखें पूजन की प्रक्रिया और व्रत के नियम

Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023: संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

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Modified Date: June 6, 2023 / 07:33 PM IST
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Published Date: June 6, 2023 7:31 pm IST

Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023 : नई दिल्ली। 07 जून को आषाढ़ माह की संकष्टी चतुर्थी है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। भगवान गणेश भक्तों के लिए विघ्नहर्ता माने जाते हैं। कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा आराधना से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन से विघ्न और बाधाओं को दूर कर देते हैं। इस व्रत को रखने पर जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

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कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत के नियम

  • कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को भूलकर तुलसी दल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान गणेश नाराज हो जाते हैं। इसकी जगह गणपति जी को दुर्वा दल चढ़ाएं। ऐसा करने से वह प्रसन्न हो जाते हैं।
  • संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन व्रती महिलाएं भूलकर भी कंद मूल अर्थात जमीन में उगने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन ना करें। इस दिन व्यक्ति को चुकुन्दर, गाजर, मूली, शकरकंद आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से साधक के जीवन में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न होती है।
  • चतुर्थी व्रत के दिन चंद्र देव की पूजा भी की जाती है और चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना व्रत पूर्ण नहीं मानी जाती है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें अर्घ्य के छींटे शरीर पर ना पड़े। चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करने के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए।

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कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी तिथि और मुहूर्त 

Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2023 : हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 06 जून, मंगलवार को देर रात 12 बजकर 50 मिनट से प्रारंभ हो रही है। यह तिथि अगले दिन 7 जून बुधवार को रात 09 बजकर 50 मिनट पर खत्म होगी। लेकिन उदयातिथि के आधार पर कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी व्रत 7 जून, बुधवार को रखा जाएगा।

 

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