Janmashtami Kab hai, Poojan Vidhi and Vrat Katha, Sarvartha Siddhi Yoga on Janmashtami

Janmashtami 2024 : 26 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, कई सालों बाद बन रहा ये दुर्लभ योग, यहां देखें शुभ मुहूर्त और पूजन ​विधि

Janmashtami 2024 Subha Muhurat ​: हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।

Edited By :   Modified Date:  August 1, 2024 / 04:02 PM IST, Published Date : August 1, 2024/4:02 pm IST

नई दिल्ली। Janmashtami 2024 Shubh Muhurat ​: हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी का दिन श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण धरती पर हुआ था। इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही श्रीकृष्ण के निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिर और घरों में भजन-कीर्तन होते हैं, साथ ही श्रीकृष्ण की झांकियां सजाई जाती है इस दिन श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप (लड्डू गोपाल) का श्रृंगार होता है और कई जगहों पर दही-हांडी का भी आयोजन किया जाता है।

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024

Janmashtami 2024 Shubh Muhurat : हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त सोमवार को तड़के 3 बजकर 39 एएम पर प्रारंभ होगी। यह तिथि अगले दिन 27 अगस्त मंगलवार को 2 बजकर 19 एएम पर खत्म होगी। उदयातिथि के आधार पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 26 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा।

 

जन्माष्टमी 2024 सर्वार्थ सिद्धि योग

Janmashtami 2024 Shubh Muhurat : 26 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेगा। उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 03:55 पी एम से 27 अगस्त को 05:57 ए एम तक रहेगा।

 

जन्माष्टमी 2024 मुहूर्त

इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का मुहूर्त 45 मिनट का है। 26 अगस्त को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त देर रात 12:01 ए एम से 12:45 ए एम तक है। जो लोग व्रत रखेंगे, वे रात्रि में 12:01 ए एम से बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाएंगे।

 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में  आभूषण, रुई, रोली को शामिल करें। इसके अलावा पूजा में धूपबत्ती, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी दल, शुद्ध घी, दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, छोटी इलायची, लौंग मौली, इत्र की शीशी को जरूर शामिल करें।

 

जन्माष्टमी पूजन विधि

जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्रों को धारण करें, और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद रात में पूजा मुहूर्त के समय कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं। इसके बाद कान्हा जी का पंचामृत से अभिषेक करें। फिर उन्हें नए वस्त्र अर्पित करें।

इस दौरान कृष्ण जी को पीले चंदन या फिर केसर का तिलक जरूर लगाएं। इसके बाद मोर के मुकुट और बांसुरी उनके पास रख दें। फिर उन्हें झूला झुलाएं। इसके बाद आप माखन-मिश्री और पंजीरी का भगवान को भोग लगाएं। फिर आरती करके प्रसाद को वितरित करें।

 

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