Karthik Purnima 2023: दिवाली के पंद्रह दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा मनाया जाता है। इसे देव दीवापली भी कहा जाता है। बता दें कि हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन पुन्नी मेला का भी आयोजन किया जाता है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा रविवार को दिन में चार बजे से आरंभ हो जाएगी, जो सोमवार को करीब 2 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। स्नान दान का मुहूर्त 27 नवंबर को भोर में सूर्यादय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में रहेगा। सोमवार को सूर्यादय लगभग 6 बजकर 25 मिनट पर होगा। इससे पूर्व ही पवित्र नदी और सरोवर में स्नान कर लें।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में पुण्य की डुबकी लगाने की मान्यता है। ये भी कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध कर उसका संहार किया था। इसलिए इसे त्रिपुरा पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस त्योहार को देश में अलग अलग नामों से जाना जाता है जैसे त्रिपुरा पूर्णिमा, गंगा स्नान, देव दीपावली आदि शामिल है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भूलकर भी न करें ये काम
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