Kanwar Yatra ke Niyam: हिंदू धर्म में सावन के महीने का खास महत्व होता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन में शिव जी की आराधना करने से जातक को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। इस बार 22 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हो रही है। इसी माह कांवड़ यात्रा भी होती है। ऐसे में अगर आप भी कांवड़ यात्रा करने जा रहे हैं तो इससे जुड़े जरूरी नियमों के बारे में जरूर जान लें..
चार प्रकार की होती है कांवड़ यात्रा
बता दें कि कांवड़ यात्रा करने वालों को कांवड़िया कहा जाता है। कावड़ यात्रा के दौरान भक्त गंगाजल भरकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। नदी से जल उठाने और शिवालय तक जाने की इस यात्रा को कांवड़ यात्रा कहा जाता है। हालांकि कांवड़ यात्रा भी 4 तरह की होती है। इसमें सामान्य, डाक, खड़ी और दांड़ी कांवड़ यात्रा होती है।
कांवड़ यात्रा के नियम (Kanwar Yatra ke Niyam)
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