धर्म। सौभाग्य का पर्व ‘हरतालिका तीज’ कल मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करती हैं। तीज का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। बता दें कि ये व्रत अविवाहित कन्याएं भी रख सकती हैं। चलिए आपको बताते हैं व्रत करने के लिए किन-किन नियमों का करना चाहिए। वहीं कुछ ऐसे भी कार्य होते हैं जिसे व्रत के दौरान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। पूजन विधि समेत अन्य बातें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
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हरतालिका तीज पूजन विधि
– ‘उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये’ जपते हुए व्रत का संकल्प लें।
– प्रदोष काल में प्रारंभ करें पूजन ।
– सूर्यास्त से 1 घंटे के पहले का समय होता है प्रदोष काल ।
– प्रदोषकाल पूजा मुहूर्त – शाम 06.33 मिनट से रात 08.51 मिनट तक।
– शाम के समय स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।
– शिव-पार्वती और गणति की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा करें।
– रेत या काली मिट्टी से बना सकते हैं प्रतिमा।
– सुहाग की पिटारी में सुहाग सामग्री सजाकर रखें।
– सभी वस्तुएं पार्वती जी को अर्पित करें।
– शिव जी को धोती और अंगोछा अर्पित करें
– शिव-पार्वती का पूजन करें।
– हरतालिका व्रत की कथा सुनें।
– गणेशजी की आरती, फिर शिवजी और माता पार्वती की आरती करें।
– भगवान की परिक्रमा करें।
– रात्रि जागरण कर सुबह पूजा के बाद मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं।
– ककड़ी-हलवे का भोग लगाएं।
– ककड़ी खाकर व्रत का पारण करें।
– सभी सामग्री को पवित्र नदी या कुंड में विसर्जित करें।
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सौभाग्य का पर्व ‘हरतालिका तीज’
– व्रत करने से लड़कियों को मिलता है मनचाहा वर।
– सुहागिनों के सौभाग्य में होती है वृद्धि।
– व्रत करने से सभी पापों से मिलती है मुक्ति।
मान्यताएं
– विधिपूर्वक व्रत करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है ।
– दांपत्य जीवन में रहती है खुशी बरकरार।
– मेहंदी लगाना और झूला-झूलना माना जाता है शुभ ।
– वैवाहिक जीवन से कष्ट दूर होता है।
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– सुहाग और सौभाग्य का पर्व है ‘हरतालिका तीज’।
– हरतालिका तीज को हरितालिका तीज भी कहते हैं।
– भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का है विधान।
– लड़कियां और सौभाग्यवती महिलाएं करती हैं व्रत।
– व्रत करने से मनोवांछित वर की होती है प्राप्ति ।
– व्रत करने वाली सुहागिनों के सौभाग्य की रक्षा स्वयं महादेव करते हैं ।
– हरतालिका तीज पूजन प्रदोष काल में किया जाता है ।
– हरतालिका तीज को बूढ़ी तीज भी कहा जाता है।
– हरतालिका तीज के दिन सास अपनी बहू को सुहाग का सिंधारा देती हैं।
– व्रत करने से दांपत्य जीवन में खुशी बरकरार रहती है।
– हरतालिका तीज के दिन सुहागिनों को लाल वस्त्र पहनना चाहिए।
– महिलाओं का हाथों में मेहंदी लगाना शुभ होता है।
– शिव-पार्वती के पूजन से दूर होते हैं जीवन के कष्ट।
शुभ मुहूर्त
प्रातःकाल हरितालिका व्रत पूजा मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 3 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक
प्रदोषकाल हरितालिका व्रत पूजा मुहूर्त- शाम 6 बजकर 33 से रात 8 बजकर 51 मिनट तक
तृतीया तिथि प्रारंभ- 9 सितंबर 2021, रात 2 बजकर 33 मिनट से
तृतीया तिथि समाप्त- 10 सितंबर 2021 रात 12 बजकर 18 तक
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