Hariyali Teej Vrat Katha: आज हरियाली तीज पर व्रती महिलाएं पढ़े ये कथा, गौरी-शंकर का मिलेगा आशीर्वाद |Hariyali Teej Vrat Katha

Hariyali Teej Vrat Katha: आज हरियाली तीज पर व्रती महिलाएं पढ़े ये कथा, गौरी-शंकर का मिलेगा आशीर्वाद

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Edited By :   Modified Date:  August 7, 2024 / 03:36 PM IST, Published Date : August 7, 2024/3:36 pm IST

Hariyali Teej Vrat Katha: हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद खास माना जाता है। ये महीना भोले बाबा को समर्पित होता है। इस माह में कई बड़े व्रत त्योहार पड़ते हैं। वहीं, हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस बार हरियाली तीज आज यानि 7 अगस्त को मनाई जा रही है। ये तिथि सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होती है।  आज के दिन सुहागिन महिलाएं पतियों की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन पति-पत्नी का साथ मिलकर शिव-पार्वती की पूजा करना शुभ माना गया है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत भी रखती है। अगर आप भी इस साल व्रत रखने जा रही हैं तो नीचे दी गई व्रत कथा जरूर पढ़ें।

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हरियाली तीज व्रत कथा (Hariyali Teej Vrat Katha)

पौराणिक कथा के मुताबिक, माता पार्वती ने कम उम्र में ही भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कामना कर ली थी। इसके बाद जब वह विवाह योग्य हो गईं तो पिता हिमालय शादी के लिए योग्य वर देखने लगे। एक दिन नारद मुनि पर्वत राज हिमालय के पास गए और उनकी बात को सुनकर योग्य वर के रूप में भगवान विष्णु का नाम सुझाया। हिमालय राज को भी श्रीहरि दामाद के रूप में पसंद आए और उन्होंने अपनी रजामंदी दे दी।

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लेकिन इस बात को सुनकर माता पार्वती चिंतित हुई, क्योंकि उन्हें पति के रूप में शिव जी को पाना था। इसी वजह से माता पार्वती तपस्या करने के लिए जंगल में चली गईं। वहां पर उन्होंने अपनी तपस्या के द्वारा महादेव को प्रसन्न किया। भगवान शिव ने उनकी इच्छा पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया। जब पर्वतराज हिमालय को बेटी पार्वती के मन की बात पता चली, तो उन्होंने भगवान शिव से माता पार्वती की शादी के लिए तैयार हो गए। जिसके परिणाम स्वरूप माता पार्वती और भगवान शिव की शादी संपन्न हुई। तभी से हर साल सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज के पर्व को मनाने की शुरुआत हुई।

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हरियाली तीज व्रत विधि (Hariyali Teej Vrat Vidhi)

  • हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करना चाहिए।
  • हरे रंग के वस्त्र धारण कर 16 श्रृंगार करें।
  • इसके बाद चौकी पर पीले रंग का कपड़ा डालकर भगवान शंकर और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें। फिर निर्जला व्रत का संकल्प करें।
  • विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना कर हरियाली तीज व्रत की कथा सुनें।
  • इसके बाद आरती कर गौरी शंकर से खुशहाल जीवन की कामना करें।

(यह लेख केवल धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। IBC24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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