Govardhan Puja Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, तीज-त्योहारों का विशेष महत्व होता है जिसे बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ऐसे में 29 अक्टूबर धनतेरस के दिन से दिवाली की शुरूआत हो चुकी है वहीं कल देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया गया। इसी के साथ गोवर्धन पूजा का पर्व 02 अक्टूबर को है। धार्मिक मान्यता है कि, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की उपासना करने से जीवन के दुख-दर्द दूर होते हैं। अगर आप भी श्रीकृष्ण को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो गोवर्धन पूजा के दौरान कृष्ण चालीसा का पाठ करें। इससे सभी तरह के सुखों प्राप्त होगी।
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पूजा का शुभ मुहूर्त
विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से लेकर 02 बजकर 56 मिनट तक।
संध्याकाल मुहूर्त – दोपहर 03 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 05 मिनट से लेकर 06 बजकर 30 मिनिट तक।
गोवर्धन पूजा विधि
इस दिन सबसे पहले शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करें। इसके बाद घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। साथ ही उस पर्वत को घेरकर आसपास ग्वालपाल, पेड़ और पौधों की आकृति बनाएं। उसके बाद गोवर्धन के पर्वत के बीचोंबीच भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। इसके बाद गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा करें। पूजन करने के बाद अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना करें। इसके बाद भगवान कृष्ण को पंचामृत और पकवान का भोग लगाएं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो लोग गोवर्धन पर्वत की प्रार्थना करते हैं, उन लोगों की संतान से संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
लगाएं इन चीजों का भोग
इस दिन गोवर्धन जी को कड़ी चावल, कई सब्जियां मिलाकर अन्न कूट का भोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से गोवर्धन की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।