मां गंगा के धरती पर अवतरण का दिवस है गंगा दशहरा, घाट पर स्नान करने से मिलती है सभी पापों से मुक्ति | Ganga Dussehra is the day of incarnation of mother Ganga on earth Taking a bath at the ghat gives freedom from all sins

मां गंगा के धरती पर अवतरण का दिवस है गंगा दशहरा, घाट पर स्नान करने से मिलती है सभी पापों से मुक्ति

मां गंगा के धरती पर अवतरण का दिवस है गंगा दशहरा, घाट पर स्नान करने से मिलती है सभी पापों से मुक्ति

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 PM IST
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Published Date: June 1, 2020 8:38 am IST

धर्म । कोरोना संकट के बीच आज एक जून तिथि- ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा का विशेष पर्व मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगीरथी की तपस्या के बाद मां गंगा धरती पर अवरित हुईं थी। कहा जाता कि गंगा दशहरा के दिन जो व्यक्ति गंगा नदी में खड़े होकर गंगा स्तोत्र पढ़ता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

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बदलते दौर में मान्यताएं भी बदल गई हैं, इन मान्यताओं का विकल्प भी गुणीजन बताते हैं। किसी वजह से अगर आप गंगा में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर में पानी में गंगा जल की कुछ बूंदे डालकर स्नान करेंगे तो भी इसका उपयुक्त फल मिलेगा। कहा जाता है कि अपने पापों का कम करने के लिए इस दिन से अच्छा कोई दिन नहीं है। इसलिए धर्मशास्‍त्रों में कहा गया है क‍ि अगर अपनी भूलों का आपको पछतावा है तो गंगा दशहरा से अच्छा कोई दिन नहीं है। गंगा दशहरा के दिन गरीबों ब्रम्हणों को दान अवश्य करना चाहिए।

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स्कंद पुराण में दशहरा नाम का गंगा स्तोत्र दिया हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन गंगा स्नान से कई यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होते हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन शर्बत, पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, आम, चीनी जैसी वस्तुएं दान की जाती हैं। गंगा दशहरे के दिन श्रद्धालुजन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए। जिस वस्तु से भी पूजन करें उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों में और अधिक वृद्धि होती है।

 
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