धर्म । कोरोना संकट के बीच आज एक जून तिथि- ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा का विशेष पर्व मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगीरथी की तपस्या के बाद मां गंगा धरती पर अवरित हुईं थी। कहा जाता कि गंगा दशहरा के दिन जो व्यक्ति गंगा नदी में खड़े होकर गंगा स्तोत्र पढ़ता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
ये भी पढ़ें- अनलॉक-1 को लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा बोले, सरकार ने जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया
बदलते दौर में मान्यताएं भी बदल गई हैं, इन मान्यताओं का विकल्प भी गुणीजन बताते हैं। किसी वजह से अगर आप गंगा में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर में पानी में गंगा जल की कुछ बूंदे डालकर स्नान करेंगे तो भी इसका उपयुक्त फल मिलेगा। कहा जाता है कि अपने पापों का कम करने के लिए इस दिन से अच्छा कोई दिन नहीं है। इसलिए धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि अगर अपनी भूलों का आपको पछतावा है तो गंगा दशहरा से अच्छा कोई दिन नहीं है। गंगा दशहरा के दिन गरीबों ब्रम्हणों को दान अवश्य करना चाहिए।
ये भी पढ़ें- जबलपुर से चलकर जनशताब्दी ट्रेन हबीबगंज पहुंची, यात्रियों के स्वास्थ्य
स्कंद पुराण में दशहरा नाम का गंगा स्तोत्र दिया हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन गंगा स्नान से कई यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होते हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन शर्बत, पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, आम, चीनी जैसी वस्तुएं दान की जाती हैं। गंगा दशहरे के दिन श्रद्धालुजन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए। जिस वस्तु से भी पूजन करें उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों में और अधिक वृद्धि होती है।
Laxmi narayan yog: भाई दूज पर प्रबल होगी इन राशियों…
15 hours ago