Ganesh Visarjan 2024: दस दिन पूजा करने के बाद क्यों जल में बहा दी जाती है भगवान गणेश की प्रतिमा?, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
Ganesh Visarjan 2024: दस दिन पूजा करने के बाद क्यों जल में बहा दी जाती है भगवान गणेश की प्रतिमा?, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
Edited By
:
Priya Jagat
Modified Date:
September 16, 2024 / 06:26 PM IST
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Published Date:
September 16, 2024 6:26 pm IST
Ganesh Visarjan 2024
Ganesh Visarjan 2024: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। इस तिथि को अनंत चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस शुभ अवसर पर गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है। बप्पा की विदाई का दृश्य बेहद मनमोहक होता है। गणेश विसर्जन पर भक्तों ने नाच-गाकर गणपति को विदाई देते हैं और बप्पा की मूर्ति को पवित्र नदी और तालाबों में विसर्जित करते हैं। लेकिन क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि आखिर गणपति विसर्जन क्यों किया जाता है आखिर क्यों दस दिन पूजा करने के बाद मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है। तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रीदेव व्यास ने गणेश चतुर्थी से लगातार दस दिनों तक भगवान गणेश को महाभारत की कथा सुनाई थी। दस दिन बाद जब वेद व्यास जी की आंखें खुलीं तो उन्होंने पाया कि दस दिनों की कड़ी मेहनत के बाद गणेश जी का तापमान बहुत बढ़ गया है। ऐसे में वेद व्यास जी ने तुरंत गणेश जी को पास के एक सरोवर में ले जाकर उन्हें ठंडे पानी से स्नान कराया था। इसके साथ ही कहा जाता है इसीलिए चतुर्दशी के दिन गणेश स्थापना करके उन्हें विसर्जित किया जाता है।
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Ganesh Visarjan 2024: बता दें कि, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेशोत्सव की शुरुआत होती है. भगवान गणेश की उपासना चतुर्दशी तिथि तक होती है। गणेश प्रतिमा की स्थापना चतुर्थी तिथि को की जाती है और विसर्जन चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। ये नौ दिन गणेश नवरात्रि कहे जाते हैं। मान्यता है कि प्रतिमा का विसर्जन करने से भगवान पुनः कैलाश पर्वत पर पहुंच जाते हैं।
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