Gajakesari Yoga on Akshaya Tritiya

Akshaya Tritiya 2024 : अक्षय तृतीया पर बन रहा गजकेसरी योग, सोना-चांदी की जगह खरीदें ये चीज, कुबेर करेंगे धन वर्षा

Gajakesari Yoga on Akshaya Tritiya : अक्षय तृतीया को धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार हर कार्य के लिए बहुत शुभ मुहूर्त माना जाता है।

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Modified Date: May 9, 2024 / 06:05 PM IST
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Published Date: May 2, 2024 4:31 pm IST

Gajakesari Yoga on Akshaya Tritiya : अक्षय तृतीया हिंदू धर्म की शुभ तिथियों में से एक है। इस दिन को सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है, यानि इस दिन बिना पंचांग देखे भी आप कोई शुभ कार्य शुरू कर सकते हैं। माना जाता है कि अगर इस दिन परोपकार करके हम दूसरों का आशीर्वाद लेते हैं तो हमें अक्षय आशीर्वाद की प्राप्ति भी होती है। अक्षय तृतीया अबकी बार 10 मई को शुक्रवार को है। अक्षय तृतीया को धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार हर कार्य के लिए बहुत शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन सोना चांदी और कोई भी नया सामान खरीदने का खास महत्‍व शास्‍त्रों में बताया गया है।

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अक्षय तृतीया पर गजकेसरी योग

Gajakesari Yoga on Akshaya Tritiya : इस बार की अक्षय तृतीया पर गजकेसरी योग बन रहा है, जो बहुत खास है, इस योग में किए गए कार्य सफलता दिलाते हैं। इसके अलावा सुकर्मा योग भी इस दिन बन रहा है, जो धन-ऐश्वर्य बढ़ाने वाला होता है। अक्षय तृतीया पर इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजे के बाद हो रहा है।

बता दें कि सोने की खरीदारी सुकर्मा योग में की जा सकती है। अगर आप इस योग में सोना-चांदी खरीदने की सामर्थ्य नहीं रखते हैं, तो आप इस योग में अन्न से भरा कलश घर ला सकते हैं, कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में धन भरा रहता है।

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया 10 मई,शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगा और इसका समापन 11 मई के दिन सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा। अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 10 मई के दिन सुबह 5 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट के बीच है। मान्‍यता है कि अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में किए गए हर कार्य में सफलता प्राप्‍त होती है।

घर लाएं ये चीजें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया का दिन माता लक्ष्मी के लिए समर्पित माना गया है। ऐसे में आप इस शुभ अवसर पर देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए अपने घर में दक्षिणावर्ती शंख, एकाक्षी नारियल आदि भी ला सकते हैं। इन्हें लाने के बाद विधि-विधान पूर्वक घर के मंदिर में स्थापित कर देना चाहिए।

अक्षय तृतीया का महत्‍व

अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्‍व बहुत ही खास माना गया है। इसे युगादि तिभि भी माना जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विष्‍णु के परशुराम अवतार का जन्‍म हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन ही युधिष्ठिर को कृष्‍णजी ने अक्षय पात्र दिया था। जिसमें कभी भी भोजन समाप्‍त नहीं होता था और इसी पात्र से युधिष्ठिर अपने जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाते थे। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन दान पुण्‍य करने का भी विशेष महत्‍व माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन से त्रेतायुग का भी आरंभ हुआ था। इसी शुभ दिन पर गंगा का अवतरण भी धरती पर हुआ था। इतनी विशेषताओं की वजह से अक्षय तृतीया के दिन को साल का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है।

 

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