नई दिल्ली: Shirdi ke Sai Baba ko lekar ye kya bol gaye pandit dhirendra shastri अपने चमत्कारों को लेकर सुर्खियों में आए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खुद को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। अब अगर आप ये सोच रहे होंगे कि उन्होंने चमत्कार के बारे में खुलासा किया है तो आप गलत सोच रहे हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही अपनी गलती पकड़े जाने को लेकर खुलासा किया है। हैरानी की बात तो ये है कि जिस शख्स ने धीरेंद्र शास्त्री को गलती करते पकड़ा उन्होंने उसी से ही 1100 रुपए ले लिए थे।
Shirdi ke Sai Baba ko lekar ye kya bol gaye pandit dhirendra shastri दरअसल पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में देश की एक नामी मीडिया संस्थान को इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि वो एक बार बार ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े गए थे। लेकिन इस दौरान उन्होंने टीटी से ही 1100 रुपए ले लिया था। उन्होंने बताया कि हमने टीटी को उनके पिता का नाम बता दिया था, जिससे खुश होकर हमें 1100 रुपए दक्षिणा दिया था।
उन्होंने आगे कहा कि वो कोई भगवान नहीं हैं बल्कि एक आम इंसान हैं। बस उनके ऊपर बरजंग बली की कृपा है। पैसे और दान लेने के बात पर उन्होंने कहा कि दक्षिणा लेने की परंपरा तो महाभारत काल से चली आ रही है। वो उस परंपरा से आते हैं जिसमें अंगूठा तक दान में दिया गया था, उन्होंने कहा कि उनके दरबार में आने वाले भक्त प्रेम से जो कुछ देते हैं उसे वो प्रेम स्वरूप स्वीकार करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि उन पैसों से लोगों की भालाई का काम किया जाता है।
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साई बाबा को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे साई बाबा या किसी भी संत से कोई मतलब नहीं है और न ही कोई बैर है। मुझे दिक्कत उन लोगों से हैं जो खुले मंच से संत और सनातनियों को मारने-काटने की बात करते हैं और उनके खिलाफ गाली-गलौज करते हैं। उन्होंने बताया कि आज भी 400 से 500 मुस्लिम परिवार उनके साथ हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि उनके कई दोस्त मुस्लिम हैं और आज भी उनकी उनसे बात होती है।
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उन्होंने आगे बताया कि ‘दरबार तीन पीढ़ियों से लगा रहे हैं. दादा गुरुजी के समय से इसकी शुरुआत हुई थी। हम भी 11 साल से लगा रहे हैं।’ उन्होंने अपने स्कूल का रोचक किस्सा सुनाते हुए कहा कि स्कूल के बच्चे उनसे आकर पूछते थे कि उनके परीक्षा में कितने नंबर आएंगे। मैं उसे कह देता था कि इस बार 55 आए हैं अगली बार मेहनत करो 60 परसेंट आएंगे।