Dhanteras 2021: धनतेरस पर खरीदी गई एक मात्र ये चीज कर देगी मालामाल, बहुत शुभ मानी जाती है इसकी खरीदारी | Dhanteras 2021: Only this thing bought on Dhanteras will make you rich, its purchase is considered very auspicious

Dhanteras 2021: धनतेरस पर खरीदी गई एक मात्र ये चीज कर देगी मालामाल, बहुत शुभ मानी जाती है इसकी खरीदारी

Dhanteras 2021: धनतेरस पर खरीदी गई एक मात्र ये चीज कर देगी मालामाल, बहुत शुभ मानी जाती है इसकी खरीदारी

:   Modified Date:  November 28, 2022 / 10:52 PM IST, Published Date : October 30, 2021/9:41 pm IST

Brass utensils on Dhanteras 2021: इस साल दो नवंबर को धनतेरस का त्योहार (Dhanteras 2021 date) मनाया जाएगा, धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था और इसीलिए इस दिन को धनतेरस के रूप में पूजा जाता है। दीपावली के दो दिन पहले आने वाले इस त्योहार को लोग काफी धूमधाम से मनाते हैं, इस दिन गहनों और बर्तन की खरीदारी जरूर की जाती है।

भगवान धनवंतरी के पूजन का महत्व (Lord Dhanvantari worshiped on Dhanteras)- शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान त्रयो‍दशी के दिन भगवान धनवंतरी (Lord Dhanvantari)प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा जाता है। धन और वैभव देने वाली इस त्रयोदशी का विशेष महत्व माना गया है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय बहुत ही दुर्लभ और कीमती वस्तुओं के अलावा शरद पूर्णिमा का चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरी और कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवती लक्ष्मी जी का समुद्र से अवतरण हुआ था। यही कारण है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन और उसके दो दिन पहले त्रयोदशी को भगवान धनवंतरी का जन्म दिवस धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।

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भगवान धनवंतरी को पीतल प्रिय है, भगवान धनवंतरी को नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है। इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख और चक्र धारण किए हुए हैं, दूसरी दो भुजाओं में औषधि के साथ वे अमृत कलश लिए हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि यह अमृत कलश पीतल का बना हुआ है क्योंकि पीतल भगवान धनवंतरी की प्रिय धातु है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती है और लंबे समय तक चलती है। लेकिन अगर भगवान की प्रिय वस्तु पीतल की खरीदारी की जाए तो इसका तेरह गुना अधिक लाभ मिलता है।

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पूजा-पाठ में भी पीतल का महत्व है, पीतल का निर्माण तांबा और जस्ता धातुओं के मिश्रण से किया जाता है। सनातन धर्म में पूजा-पाठ और धार्मिक कर्म हेतु पीतल के बर्तन का ही उपयोग किया जाता है, ऐसा ही एक किस्सा महाभारत में वर्णित है कि सूर्यदेव ने द्रौपदी को पीतल का अक्षय पात्र वरदानस्वरूप दिया था जिसकी विशेषता थी कि द्रौपदी चाहे जितने लोगों को भोजन करा दें, खाना घटता नहीं था।