Devi Matangi Stuti Aarti: दस महाविद्याओं में से एक नौवीं देवी मातंगी की तुलना देवी सरस्वती से की जाती है। गुप्त नवरात्रि की नौवीं महाविद्या मातंगी है। मातंगी देवी प्रकृति, कला संगीत, तंत्र और वचन की देवी हैं। यह एकमात्र ऐसी देवी हैं जिनके लिए व्रत नहीं रखा जाता है। यह केवल मन और वचन से ही खुश हो जाती हैं। हालांकि पुराणों में सभी देवियों की कहानी अलग मिलती है। ऐसे में अगर आप भी मां मातंगी को खुश करना चाहते हैं तो इस स्तुति का पाठ करें।
ॐ जय जय मां मातंगी।
श्यामवर्णा, त्रिनयना
मस्तक पर चंद्रमा
चतुर्भुजा, दिव्यास्त्र लिये
रत्नाभूषण धारिणी
गजगामिनी, महाचांडालनी
माँ मातंगी! जय जय मातंगी।
कला, विद्या, ज्ञान प्रदायिनी
मतन्ग कन्या माँ मातंगी
हम साधक शुक जैसे हैं
ज्ञान दिला दो हमको माँ
हम करते तेरा ध्यान निरंतर।
जय जय मां मातंगी।
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