चंद्रवंशी राजाओं ने की थी मां कलेही की स्थापना, मनवांछित वर प्राप्ति के लिए दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु | Chandravanshi kings established mother Kalehi Devotees come from far and wide to get desired

चंद्रवंशी राजाओं ने की थी मां कलेही की स्थापना, मनवांछित वर प्राप्ति के लिए दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

चंद्रवंशी राजाओं ने की थी मां कलेही की स्थापना, मनवांछित वर प्राप्ति के लिए दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:27 PM IST
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Published Date: June 3, 2020 7:10 am IST

पन्ना। जिले से 60 किलोमीटर दूर है, मंदिर का इतिहास करीब 600 वर्ष पुराना है। इस जगह पर भव्य मंदिर का निर्माण चंदेल वंश के शासकों ने करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि मां कलेही चंद्रवंशी राजाओं की अधिष्ठात्री देवी थी। जिस पाषाण प्रतिमा की पूजा मंदिर में होती है उसका वर्णन मारकंड पुराण में मिलता है। माता कलेही की पाषाण प्रतिमा रौद्र रूप में स्थापित हैं। अष्टभुजी प्रतिमा को महिषासुर का वध करते हुए दर्शाया गया है, इस प्रतिमा के निचले हिस्से में भगवान शिव माता की चरणों पर हैं। रक्तबीज के वध के समय माता काली के क्रोध को शांत करने के लिए शिव उनके मार्ग में आ गए थे, शिव पर चरण रखते ही माता का क्रोध शांत हुआ था।

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इस मंदिर में साल के बारह महीने इसी तरह से भक्तों का तांता लगा रहता है। भक्त मां कलेही से मनचाहा फल पाने के लिए दूर-दूर से आते हैं। इस जिले मां के भक्त गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल भी पेश करते हैं। माता के दर पर किसी भी जाति और धर्म समुदाय के लोग आ सकते हैं। एक तरफ जहां धर्म के नाम पर इंसानों को एक दूसरे से लड़ाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मां कलेही के मंदिर में हिंदू-मुस्लिम एक साथ मिलकर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं ।

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माता के मंदिर में जगरातों का भी आयोजन होता है। स्थानीय और देश के प्रतिष्ठित कलाकार माता कलेही के दरबार में माता की भेंट प्रस्तुत करते हैं। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है।