Chaitra Navratri 2025 Maa Durga Ka Shringar | Source : IBC24 File Photo
नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2025 Maa Durga Ka Shringar: हिंदू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही खास माना जाता है। नवरात्रि का व्रत साल में चार बार रखा जाता है, जिसमें से दो बार प्रत्यक्ष और दो बार गुप्त नवरात्रि आती हैं। शारदीय और चैत्र नवरात्रि को छोड़कर दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। वहीं चैत्र नवरात्रि चैत्र महीने में पड़ती है। इसकी शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है और नवमी तिथि पर समापन होता है।
Chaitra Navratri 2025 Maa Durga Ka Shringar: वहीं इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से शुरू हो रही है। इस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के श्रृंगार का भी विशेष महत्व माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों का विधिपूर्वक पूजन किया जाता है और इस दौरान माता से सुख-शांति एवं समृद्धि का आशीर्वाद मांगा जाता है।
नवरात्रि के दौरान हर कोई माता रानी के रंग में रंगा होता है। कोई व्रत रखता है तो कोई रोजाना मंदिर की सफाई कर मां दुर्गा को खुश करता है। बता दें कि इस दौरान मंदिर सजाने के साथ-साथ देवी को भी खूब सजाया जाता है। कुछ लोग उनकी प्रतिमा को गजरा पहनाते हैं तो कुछ पायल। मां दुर्गा का हर दिन अलग-अलग वस्त्रों के साथ श्रृंगार किया जाता है हालांकि कि श्रृंगार के दौरान कुछ चीजें ऐसी हैं जिनहें जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।
1.लाल जोड़ा- नवरात्रि के दौरान माता रानी को लाल रंग का जोड़ा या लाल रंग की चुनरी पहनाना चाहिए। मान्यताएं हैं कि यही रंग माता रानी का मनपसंद है।
2. मेहंदी- मां दुर्गा को मेहंदी अतिप्रिय मानी जाती है, इसलिए उनके श्रृंगार के दौरान मेहंदी का प्रयोग किया जाना आवश्यक होता है।
3. चूड़ियां- हिंदू धर्म में किसी भी सुहागिन महिला के लिए चूड़ी को धारण करना आवश्यक होता है। चैत्र नवरात्रि में माता के श्रृंगार के लिए भी लाल रंग की चूड़ी श्रृंगार में उपयोग किया जाता है।
4.मांग टीका- मांग टीका भी 16 श्रृंगार का हिस्सा है। ऐसे में माता रानी को तैयार करते वक्त उनके माथे के बीच में मांग टीका जरूर लगाना चाहिए।
5. काजल – मां दुर्गा के सोलह श्रृंगार में काजल भी एक महत्वपूर्ण चीज मानी जाती है। अगर मां दुर्गा की घटस्थापना की है तो उनके श्रृंगार के दौरान काजल का प्रयोग भी आवश्यक तौर पर किया जाना चाहिए।
6. पायल- पायल में मौजूद तत्व बहुत अच्छे मानें जाते हैं इसलिए आप जब भी देवी मां का श्रृंगार करें पायल जरूर पहनाएं। जरूरी नहीं है कि आप चांदी की पायल ही खरीदें। आप सामान्य पायल खरीदकर भी माता रानी को पहना सकते हैं।
7.बिछियां- पैरों में पहने जाने वाला चांदी का बिछिया एक सुहागन का प्रतीक होता है। नवरात्रि पर देवी का श्रृंगार करते वक्त आप बिछुआ जरूर पहनाएं।
8. बिंदी/झुमका- इन सभी चीजों के अलावा आप देवी मां को झुमके और बिंदी से भी जरूर सजाएं। साथ ही पैरों पर लाल आलता भी लगा सकते हैं।
9. गजरा- यह बहुत कम लोग ही जानते हैं लेकिन गजरा भी श्रृंगार काल हिस्सा है। ऐसे में नवरात्रि में श्रृंगार करते वक्त मां दुर्गा के साथ-साथ खुद भी गजरा पहनना चाहिए।
10. मंगलसूत्र– किसी भी विवाहित स्त्री के जीवन में मंगलसूत्र का विशेष महत्व होता है। विवाह के दौरान पति के द्वारा मंगलसूत्र पत्नी को पहनाया जाता है। माता दुर्गा के श्रृंगार के दौरान उन्हें भी मंगलसूत्र चढ़ाया जाता है, ताकि मां का आशीर्वाद बना रहे।
11.नथ, बाजूबंद – माता का श्रृंगार करते समय नथ और बाजूबंद का भी इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही कमरबंद भी मां दुर्गा को अर्पित किए जाते हैं। ऐसा करने से माता रानी की कृपा बनी रहती है।