Budh Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में तीज-त्योहारों का विशेष महत्व होता है और इन सभी का अपना ही अलग महत्व होता है। जिसे बड़े ही धूमधाम से रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है। ठीक वैसे ही आज बुध प्रदोष व्रत है। बुध प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक विशेष व्रत है। यह व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में बुधवार को प्रदोष काल में रखा जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त और चंद्रोदय के बीच का समय होता है, जो कि शिव पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। बुध प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस बार यह व्रत 19 जून यानी की आज के दिन मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।
प्रदोष व्रत का पूजन सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद किया जाता है। इस बार यह प्रदोष व्रत बुधवार को पड़ रहा है इसलिए ये बुध प्रदोष व्रत है। साथ ही प्रदोष व्रत की कथा सुनना भी शुभ माना जाता है।
प्रदोष के दिन व्रत रखने वाले व्रती को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान कर लेना चाहिए। इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत-पूजा का संकल्प लें। घर के मंदिर में शिव-पार्वती जी के समक्ष धूप दीप प्रज्ज्वलित करें। प्रदोष की पूजा प्रदोष काल यानि संध्या काल में मुहूर्त के अनुसार करनी चाहिए। पूरे दिन उपवास रखते हुए, संध्या काल में कच्चे दूध में दही, शुद्ध घी, गंगाजल, शहद से पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। अब शिवलिंग पर चंदन, बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, खोए आदि चढ़ाएं। मां पार्वती को सुहाग की वस्तुएं अर्पित करें। पूजा के दरमियाँ निम्न मंत्र का निरंतर जाप करें।
बुध प्रदोष व्रत के दिन दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। भगवान शिव का दूध से अभिषेक करना एक प्राचीन और पवित्र अनुष्ठान है। दूध को शुद्धता, जीवन, पोषण और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और कई लाभ मिलते हैं। ऐसा माना जाता है कि दूध से अभिषेक करने से पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है। इसके साथ ही मनोकामन भी पूरी होती है।
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