Brahma Aarti : ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचयिता माना जाता है। इन्हें देवताओं, दानवों, और सभी जीवों का पितामह माना जाता है साथ ही साथ स्वयंभू, विधाता, चतुरानन जैसे नामों से भी जाना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा ब्रह्मा जी की पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है।
Brahma Aarti : आईये यहाँ जानते हैं श्री ब्रह्मा जी के अवतारों के बारे में
ब्रह्मा के अवतार
विष्णुपुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में ब्रह्मा के सात अवतारों का वर्णन है और रामायण के जामवंत जी को भी ब्रह्मा का अंश कहा गया है।
– महर्षि वाल्मीकि
– महर्षि कश्यप
– महर्षि बछेस
– चंद्रदेव
Brahma Aarti
– बृहस्पति
– कालिदास
– महर्षि खट
– जामवंत
Brahma Aarti : आईये यहाँ प्रस्तुत है ब्रह्मा देव जी की प्रसिद्द आरती
॥ आरती श्री ब्रह्मा जी ॥
पितु मातु सहायक स्वामी सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो।
जिनके कुछ और आधार नहीं, तिनके तुम ही रखवारे हो।
Brahma Aarti
सब भाँति सदा सुखदायक हो, दुःख निर्गुण नाशन हारे हो।
प्रतिपाल करो सिगरे जग को, अतिशय करुणा उर धारे हो।
Brahma Aarti
भुलि हैं हम तो तुमको तुम तो, हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो।
उपकारन को कछु अन्त नहीं, छिन ही छिन जो विस्तारे हो।
Brahma Aarti
महाराज महा महिमा तुम्हरी, मुझसे बिरले बुधवारे हो।
शुभ शान्ति निकेतन प्रेमनिधि, मन मन्दिर के उजियारे हो।
Brahma Aarti
इस जीवन के तुम जीवन हो, इन प्राणन के तुम प्यारे हो।
तुम सों प्रभु पाय ‘प्रताप’ हरि, केहि के अब और सहारे हो।
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