Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat

Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat : आज मनाया जाएगा भाई दूज का त्योहार, देखें तिलक का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat : इस दिन सभी बहनें भाई को रोली और अक्षत का टीका करते हुए, उसकी लंबी उम्र और तरक्की की कामना करती हैं।

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Modified Date: November 3, 2024 / 07:01 AM IST
Published Date: November 3, 2024 7:01 am IST

Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat : कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस साल 3 नवंबर 2024 को भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन को भाई-बहन के स्नेह और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सभी बहनें भाई को रोली और अक्षत का टीका करते हुए, उसकी लंबी उम्र और तरक्की की कामना करती हैं।

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भाई दूज 2024 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई दूज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। भाई दूज का आज सबसे खास मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक है। इसके बाद राहुकाल शुरू हो जाएगा।

भाई दूज पूजन विधि

भाई दूज के मौके पर बहनें, भाई के तिलक और आरती के लिए थाल सजाती है। इसमें कुमकुम, सिंदूर, चंदन,फल, फूल, मिठाई और सुपारी आदि सामग्री होनी चाहिए। तिलक करने से पहले चावल के मिश्रण से एक चौक बनाएं। चावल के इस चौक पर भाई को बिठाया जाए और शुभ मुहूर्त में बहनें उनका तिलक करें। तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दें और उनकी आरती उतारें। तिलक और आरती के बाद भाई अपनी बहनों को उपहार भेंट करें और सदैव उनकी रक्षा का वचन दें।

भाई दूज की पौराणिक कथा

एक पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुना ने इसी दिन अपने भाई यमराज की लंबी आयु के लिए व्रत किया था और उन्हें अन्नकूट का भोजन खिलाया था। कथा के अनुसार, यम देवता ने अपनी बहन को इसी दिन दर्शन दिए थे। यम की बहन यमुना अपने भाई से मिलने के लिए अत्यधिक व्याकुल थी। अपने भाई के दर्शन कर यमुना बेहद प्रसन्न हुई। यमुना ने प्रसन्न होकर अपने भाई की बहुत आवभगत की। यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन अगर भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेगें, तो उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी।

इसी कारण से इस इन यमुना नदी में भाई-बहन के साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है। इसके अलावा यम ने यमुना ने अपने भाई से वचन लिया कि आज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए। तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा चली आ रही है। भाई दूज यानी यम द्वितीया पर यमराज को प्रसन्न करने के लिए बहनें व्रत भी रखती हैं।

 

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