Bhai Dooj 2024 shubh muhurat pooja vidhi

Bhai Dooj 2024 shubh muhurat pooja vidhi : भाई दूज कल, भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि..जानें

Bhai Dooj 2024 shubh muhurat pooja vidhi: भाई और बहन के प्रेम व स्नेह का प्रतीक भाई दूज रविवार को मनाया जाएगा। द्वितीया तिथि की शुरुआत शनिवार रात 8 बजकर 22 मिनट पर हो रही है, जबकि रविवार की रात 11 बजकर 6 मिनट पर द्वितीया तिथि खत्म होगा।

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Modified Date: November 2, 2024 / 10:08 AM IST
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Published Date: November 2, 2024 10:06 am IST

नई दिल्ली: Bhai Dooj 2024 shubh muhurat pooja vidhi भैया दूज त्यौहार हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं। इससे भाइयों की उम्र लंबी होती है। भाई-बहन दोनों के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। यह त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीत है।

Bhai Dooj 2024 shubh muhurat pooja vidhi पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया दो नवंबर को रात 8:22 बजे से आरंभ हो रही है। मान्यता है कि इस दिन यमुना ने अपने भाई यम का अतिथि सत्कार के साथ भोजन कराया था। तब यमराज ने यह वरदान दिया था कि इस दिन यमुना में स्नान करके यम का जो पूजन करेगा, उसे मृत्यु के बाद यमलोक जाना नहीं पड़ेगा। यमुना को सूर्य की पुत्री माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यमुना में स्नान करना, यमुना और यमराज की पूजा करने का खास महत्व है।

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कल मनाई जाएगी भाई दूज

Bhai Dooj 2024 shubh muhurt pooja vidhi भाई और बहन के प्रेम व स्नेह का प्रतीक भाई दूज रविवार को मनाया जाएगा। द्वितीया तिथि की शुरुआत शनिवार रात 8 बजकर 22 मिनट पर हो रही है, जबकि रविवार की रात 11 बजकर 6 मिनट पर द्वितीया तिथि खत्म होगा। उ​दया ​तिथि के अनुसार 3 नवंबर को भाई दूज मनाया जाएगा।

भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

भाई दूज का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। पंडितों के अनुसार भाई दूज का समय दिन में 11 बजकर 45 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक शुभ रहेगा।

भाई दूज की पूजन विधि

Bhai Dooj 2024 shubh muhurat pooja vidhi आपको बता दें कि भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के इस उत्सव का बड़ा महत्व है। भाई दूज के दिन बहनें परंपरा के अनुसार अपने घर आंगन में गोबर से यमुना, यम और यमीन की आकृति बनाती हैं फिर इस पर समाज से गोधन कूटा जाता है। गोधन कुटकर भाई को बजरी खिलाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे भाई वज्र जैसा मजबूत हो जाता है। बहनें अपने भाइयों को लोकगीत के माध्यम से पहले खूब कोसती हैं। भला बुरा कहती है। फिर जीभ पर रंगेनी का कांटा चुभोती है और अपनी गलती के लिए भगवान से माफी मांगती हैं। मान्यता है की इस दिन भाइयों को गाली व श्राप देने से मृत्यु का भय नहीं रहता है और आयु बढ़ती है।

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